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नई दिल्ली: देश में कथित रूप से चुनाव आयोग और भाजपा की मिली भगत से वोट चोरी का आरोप लगाने वाले प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच सियासी जंग छिड़ी हुई है। इसी बीच इस विवाद में कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के एन राज्जना ने अपने ही पार्टी पर सवाल उठा दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेताओं ने मतदाता सूचियों में अनियमितताओं पर आंखें क्यों मूंद लीं और जब उन्हें आपत्ति उठानी चाहिए थी तो वे चुप क्यों रहे। उन्होंने कहा, “देखिए, अगर हम ऐसी बातों पर यूँ ही बात करने लगेंगे, तो अलग-अलग राय बनेगी। मतदाता सूची कब बनी थी? यह तब बनी थी जब हमारी अपनी सरकार सत्ता में थी। क्या उस समय सब लोग आँखें बंद करके चुपचाप बैठे थे? ये अनियमितताएँ हुईं थीं – यह सच है। इसमें कुछ भी झूठ नहीं है।”

इसके बाद एक और ट्विस्ट आ गया कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मंत्री ने अपना इस्तीफा राज्यपाल कार्यालय को भी भेज दिया है।यह घटनाक्रम कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा शुक्रवार को बेंगलुरु में की गई रैली के बाद आया है। यहां उन्होंने अपने “वोट चोरी” के आरोप को दोहराया कि भारत के चुनाव आयोग और भाजपा के बीच “मिलीभगत” हुई थी, जिससे 2024 के चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कर्नाटक के बंगलौर सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक “फर्जी वोट” बनाने की अनुमति मिली।

शनिवार को राजन्ना ने तुमकुरु में पत्रकारों से बात करते हुए पूछा था कि कांग्रेस नेताओं ने मतदाता सूचियों में अनियमितताओं पर आंखें क्यों मूंद लीं और जब उन्हें आपत्ति उठानी चाहिए थी तो वे चुप क्यों रहे। उन्होंने कहा, “देखिए, अगर हम ऐसी बातों पर यूँ ही बात करने लगेंगे, तो अलग-अलग राय बनेगी। मतदाता सूची कब बनी थी? यह तब बनी थी जब हमारी अपनी सरकार सत्ता में थी। क्या उस समय सब लोग आँखें बंद करके चुपचाप बैठे थे? ये अनियमितताएँ हुईं थीं – यह सच है। इसमें कुछ भी झूठ नहीं है।”

उन्होंने खुलेआम अनियमितताओं की बात स्वीकार करते हुए कहा, “ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं – हमें शर्म आनी चाहिए। हमने उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए हमें भविष्य में सतर्क रहना होगा।” राजन्ना ने कहा, “महादेवपुरा में सचमुच धोखाधड़ी हुई थी। एक व्यक्ति तीन अलग-अलग जगहों पर पंजीकृत था और उसने तीनों जगहों पर मतदान किया। लेकिन जब मतदाता सूची का मसौदा तैयार किया जा रहा हो, तो हमें उसकी निगरानी करनी होती है, है ना?…जब मतदाता सूची का मसौदा तैयार हो जाता है, तो हमें आपत्तियाँ दर्ज करानी होती हैं – यह हमारी ज़िम्मेदारी है। उस समय हम चुप रहे और अब हम बात कर रहे हैं।”

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राजन्ना के दावों को किया खारिज

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राजन्ना के दावों को खारिज कर दिया। शिवकुमार ने आज बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा, “श्री केएन राजन्ना पूरी तरह से दोषी हैं। उन्हें नहीं पता। मेरे मुख्यमंत्री और मेरी पार्टी आलाकमान इसका जवाब देंगे।” शिवकुमार ने आगे कहा कि चुनाव आयोग को गांधी द्वारा उठाई गई आपत्तियों का जवाब देना चाहिए, “चुनाव आयोग जो भी दस्तावेज मांग रहा है, हम कोई स्कूली बच्चे नहीं हैं कि जो भी वे पूछें उसका जवाब दें। उन्हें हमें देना चाहिए। उन्होंने एक अभ्यावेदन दिया है और वे जानते हैं कि जो भी गलत है। हमने कुछ जानकारी और रिकॉर्ड मांगे हैं। हमने आधिकारिक तौर पर पूछा है। मैं खुद चुनाव आयोग गया था। किसी भी समय मेरा नेता शपथ नहीं लेगा या इसका जवाब नहीं देगा। उन्होंने पहले ही सार्वजनिक रूप से जवाब दे दिया है।” इस बीच, राजन्ना के बेटे और कांग्रेस नेता राजेंद्र राजन्ना ने इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे नहीं पता कि क्या हुआ।”