चंडीगढ़: पंजाब की सियासत में इन दिनों नवजोत कौर सिद्धू का बयान नया बवाल खड़ा कर रहा है। कांग्रेस पार्टी ने उनकी विवादित टिप्पणी को गंभीर मानते हुए रविवार को कड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने नवजोत कौर सिद्धू को न केवल सस्पेंड कर दिया है, बल्कि उनकी प्राथमिक सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।
किस बयान से मचा विवाद?
शनिवार को कानून-व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान नवजोत कौर ने कथित तौर पर कहा था कि, “जो 500 करोड़ रुपये का सूटकेस देता है, वही मुख्यमंत्री बन जाता है।”
उनके इस बयान को कई लोगों ने पार्टी नेतृत्व और राज्य की राजनीति पर सीधा हमला माना, जिसके बाद कांग्रेस के भीतर नाराजगी बढ़ गई।
विवाद बढ़ा, तो दी सफाई
विवाद तूल पकड़ने पर नवजोत कौर सिद्धू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है। कौर के अनुसार, “मैंने सिर्फ इतना कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने हमसे कभी कुछ नहीं मांगा। जब पूछा गया कि क्या नवजोत (सिद्धू) किसी दूसरी पार्टी में जाकर मुख्यमंत्री पद का चेहरा बन सकते हैं, तो मैंने कहा कि हमारे पास किसी को देने के लिए पैसा नहीं है। हम 500 करोड़ रुपये देकर मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं खरीद सकते।
कौर का कहना है कि उनके पास किसी भी पार्टी को देने के लिए पैसा भले न हो, लेकिन वे पंजाब को एक ‘स्वर्णिम राज्य’ बनाने की क्षमता जरूर रखती हैं।
सिद्धू की राजनीति में वापसी पर भी दिया था बयान
नवजोत कौर ने यह भी कहा था कि यदि कांग्रेस उन्हें पंजाब विधानसभा चुनाव 2027 के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करती है तो उनके पति, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं।
पार्टी की कार्रवाई
उनके बयानों के लगातार सुर्खियों में आने और विपक्ष को मौका देने के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी। पार्टी हाईकमान ने इस टिप्पणी को संगठन और नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है।













