---Advertisement---

‘तेजस्वी भैया सीएम बने तो कट्टा लेकर घूमेंगे’, राजद की सभा में बच्चे का विवादित बयान

On: November 5, 2025 10:54 PM
---Advertisement---

समस्तीपुर: बिहार विधानसभा चुनावी माहौल के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एक नए विवाद में घिर गई है। समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर में आयोजित राजद नेता तेजस्वी यादव की सभा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक नाबालिग बच्चे के हिंसक और आपत्तिजनक बयान ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।

बताया जा रहा है कि यह घटना मोहनपुर स्थित जीएमआरडी कॉलेज में हुई, जहाँ तेजस्वी यादव की रैली आयोजित थी। तेजस्वी के मंच पर पहुँचने से पहले, हरे गमछे में एक छोटे बच्चे ने माइक संभाला और मैथिली में एक गाना गाया, जिसके बोलों ने विवाद खड़ा कर दिया।


बच्चे ने कहा, “लाठिया ले के घुमछी त कहय छही गवार गे,
बन दही CM तेजस्वी भैया के त कट्टा लेके घुमबऊ ने त कहिहन रंगदार गे।”

हिंदी में इसका अर्थ है, “अगर हम लाठी लेकर घूमते हैं तो हमें गंवार कहा जाता है, लेकिन जब तेजस्वी भैया मुख्यमंत्री बनेंगे तो हम कट्टा लेकर घूमेंगे और लोग हमें रंगदार कहेंगे।”

बच्चे ने आगे जोड़ा, “हम्मर चलावल गोली, तेजस्वी भैया के बोलल बोली, कहियो ना खाली जाय छैय हो।”
(हमारी चलाई गोली और तेजस्वी भैया की कही बात कभी खाली नहीं जाती।)

इस बयान के वायरल होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) ने राजद पर तीखे हमले शुरू कर दिए। विपक्ष का आरोप है कि यह वीडियो राजद की “हिंसक राजनीति और 90 के दशक के जंगलराज” की याद दिलाता है।

सत्तापक्ष का हमला- ‘यही है राजद का संस्कार’

जदयू के एमएलसी नीरज कुमार ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए इसे “हिंसक और महिला विरोधी मानसिकता का प्रतीक” बताया। उन्होंने लिखा, “तेजस्वी यादव के मंच से बच्चा इस तरह की भाषा बोलता है और वहाँ मौजूद नेता उसे शाबाशी देते हैं। यही है राजद का संस्कार और सोच।”

वहीं बिहार भाजपा ने अपने आधिकारिक ‘X’ हैंडल से पोस्ट करते हुए राजद पर तंज कसा, “तेजस्वी शिक्षा मॉडल! इनके स्कूल का बच्चा-बच्चा सीखता है, ‘क’ से कट्टा। राजद और हिंसा का रिश्ता ऐसा है कि बच्चा भी जानता है, राजद की सरकार आई तो रंगदारी और कट्टा दोनों लौट आएंगे।”


‘बच्चे की जुबान पर कट्टा और गोली क्यों?’ – बड़ा सवाल

विवाद का सबसे बड़ा पहलू यह है कि एक नाबालिग बच्चे के मुंह से ‘कट्टा’, ‘गोली’ और ‘रंगदारी’ जैसे शब्द कैसे आए? क्या यह राजनीतिक माहौल की देन है या किसी जानबूझकर रची गई रणनीति का हिस्सा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएँ समाज में हिंसक राजनीतिक संस्कृति को बढ़ावा देती हैं। खास बात यह है कि तेजस्वी यादव उस वक्त मंच पर मौजूद नहीं थे, लेकिन मंच पर बैठे स्थानीय नेताओं का बच्चे को शाबाशी देना और किसी ने भी बयान पर आपत्ति न जताना, राजद की मानसिकता पर सवाल उठाता है।

राजद की सफाई अब तक नहीं

राजद की ओर से अब तक इस पूरे विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि “यह वीडियो विपक्ष द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है और इसका तेजस्वी यादव से कोई संबंध नहीं है।”

लेकिन चुनावी माहौल में यह वीडियो राजद के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। विपक्ष इसे “जंगलराज की वापसी की झलक” बताकर जनता के बीच राजनीतिक मुद्दा बनाने की तैयारी में है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now