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केरल: केरल की सत्ता पर काबिज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के दावे से राजनीतिक गलियां में हड़कंप मच गया है और इसके बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा करने की संभावना जताई जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखते हुए दावा किया है कि धनशोधन से संबंधित जांच में पाया गया है कि केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पास लगभग 80 ‘‘अघोषित’’ बैंक खाते और लगभग 100 अघोषित अचल संपत्तियां हैं।आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केन्द्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि त्रिशूर स्थित करुवन्नूर सेवा सहकारी बैंक से संबंधित जांच के दौरान उसे इन संपत्तियों का पता चला, जिसमें उसने माकपा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ए सी मोइईदीन से पूछताछ की थी।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एजेंसी ने निर्वाचन आयोग को सूचित किया है कि पार्टी करीब 80 ‘‘अघोषित’’ बैंक खातों से संबद्ध है, जिनमें करीब 25 करोड़ रुपये जमा हैं।

ईडी ने दावा किया है कि इन बैंक खातों में मिली जमा राशि मुख्य रूप से नकदी में भेजी गई थी।

इसने चुनाव आयोग को यह भी सूचित किया है कि पार्टी के पास त्रिशूर जिले में कार्यालय भवनों के रूप में लगभग 100 ‘‘अघोषित’’ अचल संपत्तियां हैं।

एजेंसी ने चुनाव आयोग को दी गई अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि इन बैंक खातों और कार्यालयों का इस्तेमाल माकपा द्वारा राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।

एजेंसी को संदेह है कि इन चल और अचल संपत्तियों की जानकारी पार्टी द्वारा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार निर्वाचन आयोग और आयकर विभाग को नहीं दी गई है।

सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने आयकर विभाग के प्रशासनिक प्राधिकरण केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को ईडी द्वारा उसे बताए गए इन आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी को संदेह है कि पार्टी के पास राज्य के कुछ अन्य जिलों में भी ऐसी संपत्ति है और उसने इस संदर्भ में अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।

ईडी द्वारा पिछले साल नवंबर में करुवन्नूर सेवा सहकारी बैंक से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत कुल 55 आरोपी संस्थाओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था।

एजेंसी ने अभियोजन शिकायत (धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दायर आरोप पत्र) में अदालत को यह भी बताया था कि उसने इस मामले में अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की 120 से अधिक संपत्तियां कुर्क की हैं।

एजेंसी ने इस आरोपपत्र में मोइदीन का नाम नहीं लिया था।

धनशोधन का मामला त्रिशूर में केरल पुलिस (अपराध शाखा) द्वारा दर्ज की गई 16 प्राथमिकियों से उपजा है।

त्रिशूर स्थित माकपा नियंत्रित बैंक में 2010 में शुरू हुए कथित धोखाधड़ी के इस मामले ने राज्य में राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था और वामपंथी पार्टी ने कहा था कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है।