खराब सेहत का हवाला,चुनाव कार्य से मुक्त रखने की गुहार,30 कर्मी होंगे बर्खास्त!हड़कंप
पाकुड़:चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए खराब सेहत का हवाला देते हुए चुनाव कार्यों से मुक्त रखने की गुहार लगाने वाले कर्मचारियों को उस वक्त भारी पड़ गया।जब जिला उपायुक्त ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया, जिसमें सभी आवेदकों की फिटनेस जांच करायी गयी। फिटनेस चेक में 30 कर्मचारी अनफिट पाये गये हैं, इन कर्मचारी-अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृति का निर्देश दिया है। पत्र में उपायुक्त पाकुड़ ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि अनफिट अधिकारी-कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृति का प्रस्ताव तैयार कर एक माह के भीतर डीसी के सामने प्रस्तुत करें। उसके बाद उपायुक्त ने जिले के 30 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव संबंधित विभागों को भेज दिया है। उपायुक्त की इस कार्रवाई पूरे प्रदेश भर में ऐसे अफसरों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि पूरे प्रदेश भर में ऐसी कार्रवाई हो सकती है।
बताया जाता है कि पाकुड़ जिले में चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों-अधिकारियों ने खराब सेहत का हवाला देते हुए मुक्त रखने के लिए आवेदन निर्वाचन कार्यालय में जमा कराया था।
बताया जाता है कि तकरीबन आठ दर्जन से भी अधिक अफसरों और कर्मचारियों ने अलग-अलग कारणों से चुनाव कार्य से छूट की मांग की थी। जिन आवेदकों ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर छुट्टी मांगी थी, उनकी जांच के लिए डीसी ने एक जांच टीम गठित की थी। मेडिकल बोर्ड ने जांच के दौरान 30 कर्मचारियों को अनफिट पाया गया। 30 कर्मचारियों की मेडिकल रिपोर्ट उपायुक्त को भेजी गयी थी।उपायुक्त ने विभागों को भेजे निर्देश में कहा है कि मेडिकल चेकअप में कई कर्मचारियों को अयोग्य पाया गया है। जाहिर ये सभी कर्मचारी शासकीय कार्यों के लिए भी अनफिट होंगे। लिहाजा, ये माना जा सकता है कि ये कर्मचारी बिना काम किये ही वेतन की राशि आहरण कर रहे हैं। इन अनफिट कर्मचारियों की वजह से बेवजह ही सरकारी खजाने पर भार पड़ रहा है, जो स्वीकार्य नहीं है।
जिन विभागों के कर्मचारियों को अनफिट माना गया है, उनमें से अधिकांश शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं।
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