अनंतनाग: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित कोकरनाग के घने जंगलों में लापता हुए दो जवानों में से एक का शव बरामद कर लिया गया है। सेना ने पिछले पांच दिनों से दोनों जवानों की तलाश में व्यापक तलाशी अभियान चलाया हुआ है। मृतक जवान की पहचान फिलहाल आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं की गई है।
सेना सूत्रों के मुताबिक, जवान का शव कोकरनाग के गडोले इलाके के जंगलों में मिला है। शव के पास से उसका सर्विस वेपन और अन्य जरूरी सैन्य उपकरण बरामद हुए हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि वह एंटी-टेरर सर्च एंड कॉर्डन ऑपरेशन का हिस्सा था।
हाइपोथर्मिया बना मौत का कारण?
प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि जवान की मौत हाइपोथर्मिया की वजह से हुई है। भारी बर्फबारी के चलते इलाके में तापमान बेहद गिर गया था। माना जा रहा है कि अचानक मौसम परिवर्तन और सर्द हवाओं के कारण जवान ने दम तोड़ दिया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असली कारण की पुष्टि हो सकेगी।
दूसरे जवान की तलाश जारी, ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद
लापता दूसरे जवान की तलाश अब भी जारी है। सेना की कई टीमें संयुक्त रूप से ऑपरेशन में लगी हुई हैं। घने और बर्फीले जंगलों में तलाशी के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद ली जा रही है। क्षेत्र की भौगोलिक जटिलता और मौसम की कठिन परिस्थितियों के चलते ऑपरेशन में कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।
पिछले साल भी इसी इलाके में शहीद हुए थे वरिष्ठ अधिकारी
कोकरनाग का यही इलाका पहले भी आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ रहा है। सितंबर 2023 में इसी जंगल में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष डोनचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल शहीद हो गए थे। पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों ने यहां अपने ठिकाने बना लिए थे।
घुसपैठ की कोशिशें नाकाम, लेकिन खतरा बरकरार
पिछले कुछ हफ्तों में सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा के पास आतंकी घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम किया है। सेना का कहना है कि आतंकवादी मौसम और खराब विज़िबिलिटी का फायदा उठाकर घुसपैठ की फिराक में हैं, लेकिन उनकी हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
जम्मू-कश्मीर: कोकरनाग के जंगलों में एक पैरा-कमांडो का शव मिला, एक जवान अब भी लापता










