राँची :- झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव एवं माकपा के पूर्व राज्य कमिटी सदस्य कामरेड श्यामसुंदर महतो 70 वर्ष रिम्स में इलाज के दौरान रात 7 बजे निधन की खबर से बोकारो सहित झारखंड में शोक की लहर फ़ैल गया, झारखंड राज्य किसान सभा एवं माकपा ने दिया श्रद्धांजलि।
झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कामरेड श्यामसुंदर महतो जीवंत पर्यंत किसानों के लिए अथक योद्धा की तरह संघर्षरत रहे,देश में चल रहे किसान आन्दोलन के दौरान तीन भारत बंद और दो रेल रोको आंदोलन,राजभवन किसान महापड़ाव, मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन, दिल्ली किसान – मजदूर रैली उनके उल्लेखनीय योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।1983 में किसान सभा एवं माकपा में शामिल हुए,1985 को बोकारो जिला किसान सभा के जिला सचिव चुने गए, झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव के रूप में छोटे बड़े किसान संघर्षों का नेतृत्व किए, बोकारो लालपनिया पावर प्लांट एवं गोमिया से तुलबुल रेलवे विस्थापन के खिलाफ लंबा संघर्ष कर 65 लोगों को नौकरी दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहा,1978 में डूमरी क्षेत्र में जमीनदार के खिलाफ तीखा संघर्ष कर 122 एकड़ जमीन किसानों के बीच वितरित किये थे। गोमिया क्षेत्र में बढ़ते किसान आन्दोलन से घबराकर उनके उपर कई बार जानलेवा हमला एवं प्रताड़ना झेलना पड़ा।झारखंड राज्य किसान सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कामरेड श्यामसुंदर महतो का निधन झारखंड के किसान आन्दोलन के लिए अपूर्णीय क्षति है।
झारखंड राज्य किसान सभा एवं माकपा ने उनके शोक में राज्य भर में झंडा झुकाने का आव्हान किया।
कामरेड श्यामसुंदर महतो का निधन, झारखंड में शोक की लहर









