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पाकिस्तान-सऊदी अरब के बीच रक्षा समझौता, किसी एक पर हमला दोनों पर माना जाएगा

On: September 18, 2025 8:45 AM
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रियाद/इस्लामाबाद: पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार (17 सितंबर 2025) को ऐतिहासिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। ‘स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट’ नामक इस करार के तहत अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। इस समझौते के साथ दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग एक नए स्तर पर पहुंच गया है।

यह करार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सऊदी अरब दौरे के दौरान हुआ। रियाद के अल-यमामा पैलेस में सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने शरीफ का औपचारिक स्वागत किया। इसी मौके पर दोनों पक्षों ने समझौते पर दस्तखत किए।

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी तरह की आक्रामक कार्रवाई को पाकिस्तान और सऊदी अरब दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। संयुक्त बयान में यह भी उल्लेख है कि यह समझौता आठ दशकों पुराने भाईचारे, इस्लामी एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों पर आधारित है। इसका मुख्य उद्देश्य रक्षा सहयोग को और मजबूत करना और किसी भी हमले के खिलाफ साझा रोकथाम क्षमता को बढ़ाना है।

समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान प्रधानमंत्री शरीफ के साथ विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब, सूचना मंत्री अताउल्लाह तारड़, पर्यावरण मंत्री मुसादिक मलिक और विशेष सहायक तारिक फातमी भी मौजूद थे।

यह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का खाड़ी क्षेत्र का एक हफ्ते में तीसरा दौरा है। इससे पहले वे 11 और 15 सितंबर को कतर गए थे, जहां उन्होंने इजरायल के हमले के बाद हमास नेतृत्व के समर्थन में बैठकों में हिस्सा लिया था।

गौरतलब है कि यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब 9 सितंबर को कतर की राजधानी दोहा में इजरायल ने हमास नेताओं को निशाना बनाया था। इस हमले ने खाड़ी देशों को चौंका दिया और अमेरिकी सुरक्षा गारंटी पर सवाल खड़े कर दिए। कतर जैसे देश, जहां अमेरिकी सैन्य अड्डा मौजूद है, अब नई सुरक्षा गारंटी की तलाश में हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह करार ईरान के लिए भी सीधा संदेश है। हाल के दिनों में सऊदी अरब और ईरान के बीच रिश्ते सामान्य करने की कोशिशें हुई थीं, लेकिन पाकिस्तान-सऊदी की यह डील खाड़ी क्षेत्र में नई रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को जन्म दे सकती है। वहीं पाकिस्तान भी हालिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय समर्थन की कमी को महसूस कर रहा है और ऐसे समझौते के जरिए अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहता है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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