डॉक्टरों की मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग, वरना चिकित्सकीय सेवा ठप करने की धमकी

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रांची: प्रदेश भर के तकरीबन 200 के डॉक्टर ने मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि सरकार जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करती है तो चिकित्सकीय सेवा ठप कर देंगे।

रांची में रविवार को आई एम ए भवन में आयोजित डॉक्टरों की बैठक में प्रदेश सरकार से अपील की गई कि उनके विभिन्न मांगों पर जल्द से जल्द अंतिम फैसला लिया जाए।

आइएमए झारखंड के अध्यक्ष डा. अरुण कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर राज्य सरकार से सहयोग की उम्मीद थी। विधानसभा में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाया गया था। पर कुछ अड़ंगा लगाकर इसे प्रवर समिति के पास भेज दिया गया है।

इससे इसके लागू होने में विलंब बना हुआ है। मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर हमेशा आश्वासन पर आश्वासन ही मिल रहा है और डाक्टर समुदाय हर जिले में प्रताड़ित हो रहा है। अस्पतालों में मारपीट, तोड़फोड़ की घटनाएं लगातार हो रही है। प्रतीत होता है कि जानबूझकर इस एक्ट को लागू नहीं किया जा रहा है।

इस मौके पर झारखंड आइएमए के सचिव डा. प्रदीप कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष डा. बीपी कश्यप, डा. अजय कुमार सिंह, डा. अभिषेक रामधीन, डा. मृत्युंजय सिंह सहित अलग अलग जिलों से आए कई डाक्टर मौजूद थे।

झारखंड आइएमए के सचिव डा. प्रदीप सिंह ने बताया कि राज्य में डाक्टरों के लिए वेकेंसी निकलती है लेकिन इसके बाद भी अपेक्षा के मुताबिक डाक्टर नहीं आते।

दूसरी ओर जिन डाक्टरों की नियुक्ति हुई या जिन्हें दूसरे जिले में भेजा गया उनमें से कई भय से ज्वाइन तक नहीं करना चाहते। इसका कारण मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट का यहां नहीं होना भी अहम है।

क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की है जरूरत

आइएमए ने सरकार से मांग करते कहा कि राज्य में क्लिनिकल इस्टिब्लिशमेंट एक्ट को भी जल्द लागू किए जाने की जरूरत है। इसे और व्यवहारिक बनाना होगा।

अभी जो स्थिति है उसमें बड़े अस्पतालों को छोड़ सुदूरवर्ती क्षेत्रों के छोटे अस्पतालों, क्लिनिकों के लिए इससे बड़ी दिक्कत है। डा. प्रदीप सिंह ने बताया कि अभी तो अपने यहां सिविल सर्जनों का पावर भी उपायुक्त को दे दिया गया है। सरकार को सर्जनों पर भरोसा रखना चाहिए। कई क्लिनिकों के लिए आवेदन उपायुक्त के पास लंबे समय से पड़े हैं।

स्टेट एग्जीक्यूटिव की बैठक में डाक्टरों के अंदर आक्रोश दिखा। इस बैठक में 19 सदस्य हैं लेकिन इसमें करीब 200 डाक्टर शामिल हुए और सरकार के प्रति नाराजगी दिखायी। डाक्टरों ने एक स्वर में कहा कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी तब तक वे बेहतर चिकित्सीय सेवा नहीं दे सकते। डाक्टरों की एकजुटता देख आइएमए ने कहा कि वो सभी डाक्टरों के साथ हैं और आगे अब सरकार के रवैये को देख कड़ा निर्णय लिया जाएगा

नेत्र चिकित्सकों के साथ न्याय की मांग

झासा स्टेट आइएमए की एग्जीक्यूटिव की बैठक में झासा झारखंड के सचिव डा. ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि संगठन अपनी मांगों को लेकर विभाग एवं सरकार से समन्वय की स्थिति में है। 12 नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सकों के विरुद्ध प्रपत्र क एवं पांच वेतन वृद्धि रोकने से संबंधित प्रस्ताव हैं।

इसके लिए संगठन के प्रतिनिधियों ने मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलकर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। मंत्री ने संयुक्त सचिव से आदेश को विलोपित करने का निर्देश दिया है। संयुक्त सचिव ने आश्वासन दिया है कि वे प्रयासरत हैं कि इन चिकित्सकों के साथ न्याय हो।

Satyam Jaiswal

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