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बकाया मानदेय की मांग,6 दिन से धरने पर अतिथि शिक्षक,अल्बर्ट एक्का चौक पर शिक्षा विभाग का करेंगे पुतला दहन

On: October 1, 2024 3:53 PM
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रांची: 17 महीने से बकाया मानदेय की भुगतान की मांग को लेकर 6 दिनों से रांची विश्वविद्यालय में धरने पर बैठे अतिथि शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। मंगलवार को निर्णय लिया गया कि रांची विश्वविद्यालय और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग प्रशासन का अल्बर्ट एक्का चौक पर पुतला दहन किया जाएगा।

आज छठे दिन भी अतिथि शिक्षक रांची विश्वविद्यालय परिसर में अपनी 17 माह से बकाये राशि के भुगतान के लिए धरने पर डटे रहे।। परंतु आज भी प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार का ठोस निर्णय नहीं लिया गया।। आज शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के उपनिदेशक विभा पांडे से मुलाकात की।।काफी लंबी वार्ता के पश्चात भी किसी ठोस निर्णय नहीं होने पर अतिथि शिक्षकों के बीच भारी आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो गई है।। जिसको लेकर संघ ने निर्णय लिया कि अब रांची विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग प्रशासन का पुतला दहन अल्बर्ट एक्का चौक में किया जाएगा।।,जिसमें रांची विश्वविद्यालय के भारी संख्या में अतिथि शिक्षकों की भागीदारी होगी।। इस पर डॉ आशीष कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग की विफलता है,कि आज उन्हीं के शिक्षक सड़क पर हैं।। इस पर डॉ धीरज सिंह “सूर्यवंशी” ने कहा कि जब महाविद्यालय में शिक्षक ही नहीं तो उच्च शिक्षा के नाम पर इतने बड़े प्रशासन का कोई औचित्य नहीं।। मुलाकात करने वाले प्रतिनिधि मंडल में अरविंद प्रसाद, डॉ धीरज सिंह “सूर्यवंशी”, ताल्हा नकवी, कृष्णकांत, चक्षु पाठक,विकास कुमार उपस्थित रहे।। वहीं रांची विश्वविद्यालय परिसर में धरना स्थल पर डॉ आशीष कुमार, सूरज विश्वकर्मा, शिवकुमार, राजू हजाम, सरफराज अहमद, डॉ गीता, डॉ राजू हजाम, निहारिका महतो, डॉ रीना,शशि शेखर, डॉ सतीश तिर्की के अलावे भारी संख्या में अतिथि शिक्षक मौजूद रहे।

उक्त जानकारी झारखंड अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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