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गढ़वा: जिले में नए प्रखंडों की मांग लगातार तेज होती जा रही है। ओखरगाड़ा को प्रखंड का दर्जा देने की मांग के बाद अब मेराल प्रखंड अंतर्गत पेसका क्षेत्र को अलग प्रखंड बनाए जाने की मांग ने ज़ोर पकड़ लिया है। बुधवार को पेसका प्रखंड बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले गढ़वा समाहरणालय के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

धरना स्थल पर पहुंचे गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने आंदोलन को न केवल समर्थन दिया बल्कि सरकार से अविलंब निर्णय लेने की मांग की। उन्होंने कहा, “पेसका की जनता वर्षों से यह मांग करती आ रही है। यहां की जनसंख्या, भौगोलिक दूरी, सामाजिक आवश्यकताएं और प्रशासनिक चुनौतियां इस क्षेत्र को प्रखंड बनाए जाने के लिए पूरी तरह उपयुक्त बनाती हैं। अब इस मांग को और टालना जनता के साथ अन्याय होगा।”

धरना के दौरान संघर्ष समिति के अध्यक्ष करीब अंसारी एवं अन्य प्रतिनिधियों ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम जिला उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि पेसका क्षेत्र वर्षों से उपेक्षा का शिकार रहा है। यहाँ की जनता को प्रशासनिक कार्यों के लिए 20 से 30 किलोमीटर की दूरी तय कर मेराल प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है, जिससे समय, श्रम और संसाधनों की बर्बादी होती है।

धरना में झालको के पूर्व अध्यक्ष जनाब सिराज साहब, जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव, समाजसेवी मो. नईम, पंचायतों के मुखिया एवं वार्ड सदस्य, महिला प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं व युवा शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर सरकार इस मांग को शीघ्र नहीं मानती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। धरना में वक्ताओं ने यह भी चेताया कि आने वाले समय में राजधानी रांची तक रैली व प्रदर्शन किया जाएगा।

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