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बिहार: पटना में बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र कई दिनों से आंदोलन पर है जिन्हें कई राजनीतिक दलों का समर्थन भी प्राप्त हो गया है और छात्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और आज फिर एक बार छात्रों ने जमकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। छात्रों ने इसी बीच पुलिस की बेर कटिंग तोड़ दी है पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंशिक बल का भी प्रयोग किया लेकिन छात्र रुक नहीं और वह मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकल पड़े हैं। खास बात यह बताई जा रही है कि छात्रों के आंदोलन में राजनीतिक घुसपैठ भी हो गई है।

बता दें कि अब तक पुलिस ने कुल मिलाकर आंदोलनकारी छात्रों पर तीन बार लाठी चार्ज किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह प्रदर्शन जेपी गोलंबर के पास हुआ। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई छात्र घायल हो गए। छात्र मुख्यमंत्री से मिलने की मांग पर अड़े थे। छात्रों के समर्थन भी प्रशांत किशोर भी धरनास्थल पर पहुंचे थे, लेकिन लाठीचार्ज के पहले वो वहां से निकल गए।इससे पहले बीपीएससी अभ्यर्थियों ने अपनी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना की सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन गांधी मैदान से शुरू हुआ, जहां हजारों की संख्या में अभ्यर्थी इकट्ठा हुए और छात्र संसद का आयोजन किया। इसके बाद, वे सीएम आवास की ओर मार्च करने लगे। पुलिस ने जेपी गोलंबर के पास प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन अभ्यर्थी मुख्यमंत्री से मिलने की मांग पर अड़े रहे। स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे कई छात्रों को चोटें आईं।प्रदर्शन में शामिल छात्रों का कहना था कि जब तक सीएम नीतीश से उन लोगों की मुलाकात नहीं होती है तब तक वो सड़क पर ही बैठे रहेंगे। वो मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगों पर विचार करने का आग्रह कर रहे थे। छात्रों की मुख्य मांग बीपीएससी परीक्षा को रद्द करना और दोबारा आयोजित करना था। इसके अलावा, वे नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को भी रद्द करने की मांग कर रहे थे। उनका तर्क था कि परीक्षा में कुछ गड़बड़ियां हुई थीं, जिसके कारण उन्हें न्याय नहीं मिला। वे चाहते थे कि पूरी परीक्षा रद्द कर दोबारा आयोजित की जाए, जबकि बीपीएससी केवल उसी केंद्र पर पुनः परीक्षा कराने को तैयार था जहाँ गड़बड़ी की सूचना मिली थी।इस प्रदर्शन में सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत किशोर भी शामिल हुए और छात्रों के साथ धरना पर बैठ गए। उन्होंने छात्रों की मांगों का समर्थन किया और सरकार से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्हां ने कहा कि पुलिस बल का प्रयोग कर छात्रों की मांग को नहीं दबाया जा सकता है।

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