साहिबगंज जिले की 09 बालिकाएं जिन्हें दिल्ली से वापस बाल संरक्षण इकाई के द्वारा लाया गया है, आज उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में इन बालिकाओं से मुलाकात की ꫰
मुलाकात के क्रम में बालिकाओं ने अपने साथ हुई घटनाओं का विवरण दिया जहां बालिकाओं ने बताया कि कैसे उन्हें यहां से दिल्ली ले जाया गया, फिर उन लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में काम पर लगाया गया।
ज्ञात हो कि ये बालिकाएं कई वर्षों से वहां फंसी हुई थी।
इन सभी बालिकाओं का काउंसलिंग मंथन स्वयंसेवी संस्था के द्वारा किया गया है। संस्था द्वारा बताया गया है कि समाज के ही लोग इन्हें बहला कर काम पर ले जाते हैं और पैसे का भुगतान भी नहीं होता है।
साथ ही इन बालिकाओं को एजेंसियों को दे दिया जाता है।
इसी संबंध में उप विकास आयुक्त ने कहा ऐसे लोगों को चिन्हित कर बाल कल्याण समिति पत्राचार करें जिन पर जिला प्रशासन द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बेटियां हमारा मान सम्मान हैं, इसकी रक्षा करना जिला प्रशासन का पहला कर्तव्य है।
इसके अलावा विकास आयुक्त ने कहा कि इन बच्चियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा तथा जिनके माता-पिता या एकल अभिभावक हैं उनके लिए स्पॉन्सरशिप की व्यवस्था भी की जाएगी।
इसी संबंध में बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने कहा कि जो भी बालिकाएं पढ़ाई की इच्छुकों या सिलाई कटाई का प्रशिक्षण लेना चाहती हैं उनकी व्यवस्था की जाएगी।
बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ सुरेंद्रनाथ तिवारी ने बताया किमानव तस्करी की शिकार लड़कियों की काउंसलिंग रिपोर्ट के आधार पर थाना को जल्द ही पत्राचार कर काउंसलिंग रिपोर्ट दी जाएगी।
साथ ही मानव तस्करी में जिन व्यक्तियों का नाम सम्मिलित है उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इस दौरान मंथन के समन्वयक शिवप्रसाद ओझा, कॉउंसेलर अमन कुमारी, जुली टुडू, सामाजिक सामुदायिक कार्यकर्ता पवन कुमार साह उपस्थित थे।