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एनजीटी के रोक के बावजूद खुलेआम ढोए जा रहे बालू, ढौठवा के कुम्हार टोला और भुईंया टोला में बना है बालू का डंपिंग यार्ड।

On: June 25, 2023 4:41 AM
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हजारीबाग :- एनजीटी के रोक के बावजूद नदियों से निकालकर बालू की खुलेआम तस्करी हो रही है। तस्करों द्वारा एनजीटी के रोक के आदेश को ठेंगा दिखा कर जहां तहां बालू की डंपिंग की जा रही है जहां से बालू की सप्लाई होती है। बालू तस्कर कटकमसांडी प्रखंड के सीमा पर बहने वाली महाने नदी से प्रतिदिन बालू निकाल कर ट्रैक्टरों व टर्बों से आसानी से शहर तक भेजने में मशगूल हैं। फिलहाल तस्कर कटकमसांडी थाना क्षेत्र के ढौठवा के कुम्हार टोला और भुईंया टोला में बालू का डंपिंग यार्ड बनाए हुए हैं जहां से रात में अंधेरे का फायदा उठाकर रातो रात हाइवा, ट्रक व ट्रैक्टरों से अमझर, बचरा तथा आराभुसाई पंचायत से होते हुए करमा, ईटखोरी और हज़ारीबाग ले जा कर अधिक कीमत पर बालु को बेच रहे है। इस क्षेत्र से प्रतिदिन बीस से पच्चीस ट्रक, ट्रैक्टर तथा हाइवा वाहनों से बालू की तस्करी की जा रही हैं। पुलिस को चकमा देने के लिए बालू तस्कर रात के अंधेरे में बालू को बेचने का कार्य कर रहे है।

लगातर हो रहे इस तस्करी से जहां प्रतिदिन सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं नदियों के अस्तित्व पर भी संकट उत्पन्न हो गया है। दूसरी ओर रात में लगातार वाहनों के आवागमन से ढौठवा वासियों सहित आराभुसाई क्षेत्र के लोगों की नींद भी खराब हो रही है। क्षेत्रवासियों एवं पर्यावरण प्रेमियों ने बालू तस्करी पर रोक लगाने और तस्करों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की मांग प्रशासन से किया है। इस बाबत कटकमसांडी थाना प्रभारी प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि इस पर जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर सुलताना से बलियंद के रास्ते पेलावल ओपी के नाक के नीचे से रोज दर्जनो बालू लदा ट्रैक्टर शहर में प्रवेश कर रहा है मगर आजतक पुलिस एक भी ट्रैक्टर को जब्त करने में विफल रही है। यहां तक कि कटकमसांडी थाने के सामने बन रहे हाई स्कूल भवन के लिए तस्करो द्वारा डंप किए जा रहे बालू को संवेदक द्वारा बंगाल से मंगाए जाने का दावा कीया जा रहा है जबकि भवन निर्माण में लोकल बालू का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है।

संवाददाता -भास्कर उपाध्याय

Satyam Jaiswal

सत्यम जायसवाल एक भारतीय पत्रकार हैं, जो झारखंड राज्य के रांची शहर में स्थित "झारखंड वार्ता" नामक मीडिया कंपनी के मालिक हैं। उनके पास प्रबंधन, सार्वजनिक बोलचाल, और कंटेंट क्रिएशन में लगभक एक दशक का अनुभव है। उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से शिक्षा प्राप्त की है और विभिन्न कंपनियों के लिए वीडियो प्रोड्यूसर, एडिटर, और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है। जिसके बाद उन्होंने झारखंड वार्ता की शुरुआत की थी। "झारखंड वार्ता" झारखंड राज्य से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करती है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

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