रांची। झारखंड की राजनीति और समाज में आदिवासी अस्मिता के प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन की यादों को संजोने के लिए राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मोरहाबादी स्थित गुरुजी का सरकारी आवास अब “गुरुजी स्मृति संग्रहालय” के रूप में विकसित किया जाएगा। मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति बनी।
कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष पहल रखी। दोनों मंत्रियों ने कहा कि गुरुजी का जीवन संघर्ष, त्याग और झारखंड आंदोलन की बुनियाद से जुड़ा रहा है। उनकी स्मृतियों को संरक्षित कर आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना समय की मांग है।
डॉ. इरफान अंसारी ने कहा, “गुरुजी का घर सिर्फ एक मकान नहीं, बल्कि झारखंड आंदोलन और हमारी भावनाओं का केंद्र है। उनके घर का हर कोना हमें उनके संघर्ष और समर्पण की याद दिलाता है। यही वजह है कि इसे स्मृति संग्रहालय का रूप देना बेहद जरूरी है, ताकि नई पीढ़ी उनके विचारों और जीवन दर्शन से प्रेरणा ले सके।”
वहीं नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा, “गुरुजी की स्मृतियां अमर रहेंगी। यह संग्रहालय झारखंड की अस्मिता और संघर्ष गाथा को हमेशा जीवित रखेगा।”
जामताड़ा के चिरुडीह में बनेगा भव्य पार्क और प्रतिमा
बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि गुरुजी की जन्मभूमि और कर्मभूमि जामताड़ा के चिरुडीह में उनकी याद में एक भव्य पार्क और विशाल प्रतिमा स्थापित की जाए। यह वही पवित्र भूमि है, जहां से शिबू सोरेन ने अपनी राजनीतिक और सामाजिक यात्रा की शुरुआत की थी।
सरकार का मानना है कि चिरुडीह में बनने वाला यह पार्क और प्रतिमा गुरुजी के संघर्ष, आंदोलन और जनसेवा की भावना का प्रतीक होगा। यहां आने वाले लोग उनके योगदान को समझ सकेंगे और आदिवासी समाज समेत पूरे राज्य की नई पीढ़ी उनके आदर्शों से प्रेरणा लेगी।
गुरुजी की विरासत को सहेजने की कवायद
झारखंड के इतिहास और अस्तित्व की लड़ाई में शिबू सोरेन का योगदान अविस्मरणीय रहा है। उन्होंने न सिर्फ आंदोलन की अगुवाई की, बल्कि राज्य निर्माण के बाद भी झारखंड की राजनीति और सामाजिक सरोकारों को दिशा दी।
राज्य सरकार का यह निर्णय गुरुजी की स्मृतियों को सहेजने और उनकी विरासत को अमर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
दिशोम गुरू के घर को बनाया जाएगा स्मृति संग्रहालय, जामताड़ा में बनेगा भव्य पार्क और विशाल प्रतिमा

