रांची: झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया। इस पद के लिए दावेदारी कर रहे तीन में से दो नेताओं, अभय कुमार सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन का पर्चा रविवार को स्क्रूटनी के दौरान चुनाव पदाधिकारी ने रद्द कर दिया। इसके बाद प्रदेश कार्यालय में भारी हंगामे की स्थिति पैदा हो गई और चुनाव पदाधिकारी को पुलिस बुलानी पड़ी। पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया रद्द करने की मांग को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पास शिकायत की जाएगी। वहीं अभय सिंह ने राजद निर्वाचन पदाधिकारी गिरधारी गोप पर गंभीर आरोप लगाये है। उन्होंने कहा है कि गिरधारी गोप पैसा पर बिक गए हैं। उनका आरोप है कि नॉमिनेशन रद्द करने के लिए गिरधारी गोप पर पैसा लेने का आरोप लगाया।
इसके बाद संजय सिंह यादव मैदान में अकेले प्रत्याशी रह गए थे। यह चुनाव सत्र 2025 से 2028 तक के लिए कराया गया है, जिसके चलते उनका कार्यकाल अगले तीन साल का होगा। राजद के प्रदेश चुनाव पदाधिकारी गिरधारी यादव और सहायक चुनाव पदाधिकारी कलामुद्दीन खान के हस्ताक्षर से रविवार देर शाम एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इस विज्ञप्ति में संजय सिंह यादव के निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की आधिकारिक घोषणा की गई। संजय सिंह यादव पिछले साल राजद के टिकट पर पलामू जिले के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।
पार्टी के प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी गिरधारी गोप की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर पार्टी की राज्य परिषद के किसी सदस्य का हस्ताक्षर नहीं था। पार्टी नियम के अनुसार नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर राज्य परिषद के कम से कम एक सदस्य का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। इस तकनीकी कमी के कारण उनका नामांकन अवैध घोषित कर दिया गया। वहीं, संजय सिंह यादव के नामांकन पत्र पर राज्य परिषद के 10 सदस्यों ने प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके कारण उनका नामांकन वैध पाया गया।