सिसई (गुमला): दो अलग अलग स्थानों पर सड़क दुर्घटना में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें ग्रामीणों की सहायता से रेफरल अस्पताल सिसई लाया गया। जहां आपातकाल में ड्यूटी कर रही डॉ सीमा सांगा अस्पताल से नदारद पाई गई । जिनका सेवाकाल शाम छः बजे से लेकर सुबह छः बजे तक का था। नर्सों के द्वारा फोन करने पर उनका मोबाईल फोन स्विच ऑफ बताया गया। अस्पताल में इस प्रकार के घोर लापरवाही को देख कर जिला परिषद अध्यक्ष किरण माला बाड़ा भड़क उठी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ललिता कुमारी मिंज क्षेत्र भ्रमण पर थीं। सूचना पाकर कुछ देर में अस्पताल पहुंचीं। और जिला परिषद अध्यक्ष एवं ग्रामीणों को शान्त कराते हुए घायलों के ईलाज में जूट गईं। जिसमें से एक गम्भीर रूप से घायल ग्राम सेमरा निवासी पच्चीस वर्षीय विकास गोप की गम्भीर स्थिति को देखते हुए रांची रिम्स रेफर कर दिया गया। बाकी के तीन लोगों कोड़ेकेरा निवासी अठाईस वर्षीय राजेश गोप पिता लगन गोप, लूटो अम्बा टोली निवासी बीस वर्षीय आकाश लोहरा पिता महावीर लोहरा, तथा एक अन्य घायल युवक का ईलाज रेफरल अस्पताल में किया जा रहा है। रेफरल अस्पताल सिसई में आए दिन इस तरह के लापरवाही के कारण लोग परेशान रहते हैं। जब भी लोगों को दुर्घटना या अन्य गम्भीर स्थिति में अस्पताल लाया जाता है तो कभी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी अन्य स्टॉफ नहीं मिलते। जो अस्पताल की लचर व्यवस्था को उजागर करता है। और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है सिसई प्रखण्ड के अठारहों पंचायत के लिए ये अस्पताल मुख्य केन्द्र है जो गुमला रांची मुख्य मार्ग पर स्थित है, और किसी भी पंचायत के अन्तर्गत घटना दुर्घटना होने पर रेफरल अस्पताल में ही लाया जाता है तथा मरीज के गम्भीर स्थिति को देखते हुए गुमला सदर या रांची रिम्स रेफर किया जाता है। ऐसे में इस अस्पताल का चुस्त दुरुस्त होना अति आवश्यक है। जहां पे डॉक्टरों से लेकर ईलाज के समस्त व्यवस्था, उपकरणों का पर्याप्त रूप से होना जरूरी है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ललिता कुमारी मिंज से इस तरह के लापरवाही को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक प्रभारी होने के नाते मैं अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रही हूं। मेरा काम है सभी डॉक्टरों एवं नर्सों का समय के अनुसार ड्यूटी लगाना। इसके लिए रोस्टर बनाया जाता है फिर उनको ड्यूटी बांटा जाता है। इसके अलावे कार्यालय के काम के साथ साथ क्षेत्र भ्रमण पर भी मुझे जाना पड़ता है। जिस कारण लौटने में समय भी लग जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायत पर कई स्टॉफ को शोकॉज भी कर चुकी हूं लेकिन इसके बाद भी मेरी कोई नहीं सुनता है, इसलिए लोगों के शिकायत पर मैं सिविल सर्जन को विभाग को दुरुस्त करने के लिए एवं डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर लिखित शिकायत देने जा रही हूं तथा वस्तु स्थिति से सिविल सर्जन को अवगत कराऊंगी। यहां के जनप्रतिनिधि और प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के लापरवाही पर कड़ा कदम उठाते हुए स्वास्थ्य विभाग को दुरुस्त करें ताकि आम जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े।