---Advertisement---

बड़ताला में भ्रष्टाचार का शिकार बने दर्जनों सिंचाई कूप, सरकारी पैसों का हो रहा है बंदरबांट

On: July 27, 2025 11:40 AM
---Advertisement---

पाकुड़: मनरेगा के तहत निर्माणाधीन सिंचाई कूप संवर्धन योजना में बिचौलिये पूरी तरह से हावी हैं. बड़ताल पंचायत में मनरेगा के तहत दर्जनों सिंचाई कूपों का निर्माण विभिन्न गांवों में कराया जा रहा है. मनरेगा योजनाओं में निर्माण स्थल पर सूचना पट्ट लगाये जाने का प्रावधान है. लेकिन ज्यादातर स्थानों पर सूचना पट्ट भी नहीं लगाये गये हैं. प्रत्येक सिंचाई कूप की लागत लगभग चार लाख रुपये है.

विभाग द्वारा बनाए गए मॉडल एस्टीमेट के अनुसार इन सिंचाई कूपों का व्यास 12 फीट तथा गहराई 35 फीट रखी जानी चाहिए. सिंचाई कूपों के निर्माण में चिमनी ईंटों का प्रयोग होना चाहिए. लेकिन बड़ताला पंचायत में सारे नियमों को ताक पर रखकर सिंचाई कूप का निर्माण कराया जा रहा है. चिमनी ईंट की बजाय घटिया क्वालिटी के स्थानीय बांग्ला भट्ठा वाले ईंट लगाए जा रहे हैं. साथ ही प्राक्कलन के अनुरूप 35 फीट की गहराई तक की खुदाई भी नहीं की जा रही है. विभागीय कर्मियों एवं अधिकारियों द्वारा सिंचाई कूपों के निर्माण का अनुश्रवण नियमानुसार नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण बिचौलियों के हौसले बुलंद हैं और वे प्राक्कलन की बजाय अपनी मनमर्जी से कूपों का निर्माण कर रहे हैं. बड़ताल पंचायत के जामबाद गांव में दर्जनों सिचाई कूप निर्माण में ऐसी ही अनियमितता बरती जा रही है. जिससे बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं. वहीं प्राक्कलन के अनुरूप काम नहीं होने तथा घटिया क्वालिटी के ईटों का प्रयोग होने के कारण कूपों के धंसने का खतरा उत्पन्न हो गया है.

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now