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नई दिल्ली: भारत में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर अंकुश लगाने के लिए, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने अब देश में ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए एक नया पॉइंट-बेस्ड सिस्टम लाने की तैयारी कर रहा है। ये सिस्टम अमेरिका, जर्मनी और कनाडा जैसे देशों में पहले से लागू है, जहां हर ट्रैफिक उल्लंघन पर कुछ नेगेटिव पॉइंट्स जुड़ते हैं। अगर किसी ड्राइवर के खाते में ये पॉइंट्स ज्यादा हो जाते हैं, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड या रद्द भी किया जा सकता है।

इस पहल के तहत, ड्राइविंग लाइसेंस पर पॉजिटिव और नेगेटिव प्वाइंट्स की व्यवस्था की जाएगी, जिससे ड्राइवरों की ट्रैफिक नियमों के पालन की निगरानी की जाएगी। इस नई सिस्टम के तहत, सिग्नल तोड़ने और तेज गति से गाड़ी चलाने जैसे उल्लंघनों पर निगरानी रखी जाएगी। यदि किसी डीएल पर ज्यादा निगेटिव पॉइंट्स जमा हो जाते हैं, तो उस डीएल को सस्पेंड या रिजेक्ट किया जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जल्‍द ही नए सिस्‍टम को लागू किया जा सकता है। हालांकि अभी मंत्रालय की ओर से इस बारे में औपचारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन उम्‍मीद की जा रही है कि नए सिस्‍टम को अगले कुछ समय में पेश किया जा सकता है।

ड्राइविंग लाइसेंस पर नेगेटिव प्वाइंट्स ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के आधार पर दिए जाएंगे। यदि कोई ड्राइवर निर्धारित सीमा से अधिक नेगेटिव प्वाइंट्स जमा करता है, तो उसके लाइसेंस पर निलंबन या रद्दीकरण की कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, इस प्रणाली के तहत प्वाइंट्स की सटीक सीमा और लागू होने की प्रक्रिया अभी निर्धारित की जा रही है। नए सिस्टम के तहत, यदि किसी ड्राइवर के लाइसेंस पर ट्रैफिक उल्लंघन के कारण नेगेटिव प्वाइंट्स जमा होते हैं, तो लाइसेंस नवीनीकरण के समय ड्राइविंग टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ड्राइवर की ड्राइविंग क्षमता और ट्रैफिक नियमों के पालन की स्थिति उपयुक्त है।