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रिम्स में दवा चोरी का खुलासा: स्टोर से निकलने के बाद हो रही गायब, निदेशक ने कहा- दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

On: November 2, 2025 11:52 AM
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रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में दवाओं की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन खुद मान चुका है कि लाखों रुपये की दवाएं स्टोर से बाहर निकलने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो रही हैं। मामले का खुलासा शनिवार को तब हुआ जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी सड़क हादसे में घायल मरीजों से मिलने रिम्स पहुंचे और निरीक्षण के दौरान बड़ी अनियमितता सामने आई।

मंत्री के दौरे में मरीजों ने लगाए गंभीर आरोप

घायल मरीजों और उनके परिजनों ने मंत्री के सामने शिकायतों का पुलिंदा खोल दिया। उन्होंने साफ कहा, “अस्पताल में दवा नहीं मिलती, बाहर से खरीदनी पड़ती है। डॉक्टर का नाम पूछो तो धमकाया जाता है।”

गरीब मरीजों ने कहा कि प्राइवेट में महंगी दवाएं लेने की क्षमता नहीं है, इसलिए रिम्स आते हैं, लेकिन यहां भी राहत नहीं मिलती। यह सुनकर मंत्री गुस्से में आ गए और अधिकारियों को फटकार लगा दी।

स्टोर से निकलने के बाद चोरी, निदेशक ने माना

मंत्री की सख्ती के बीच रिम्स निदेशक भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने माना कि अस्पताल से दवाएं चोरी हो रही हैं।
उन्होंने कहा, “पहले कुछ डॉक्टर जरूरत से ज्यादा दवाएं लिखवाकर कमीशन लेते थे, वह सिस्टम हमने बंद कर दिया। फिर भी दवाएं गायब हो रही हैं। जांच करेंगे कि दवाएं कहां और कैसे जा रही हैं।”

निदेशक ने इस मामले में एमएस और स्टोर इंचार्ज को शो-कॉज नोटिस जारी किया है और तीन दिनों में जवाब मांगा है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जवाब नहीं देने पर कठोर कार्रवाई होगी।

मंत्री का सख्त रुख

निरीक्षण के दौरान जब मंत्री ने वार्ड में मरीज के परिजन को बाहर से दवा लाते देखा, तो वह भड़क उठे। उन्होंने कहा, “अगर रिम्स में दवा नहीं है, तो लोग यहां क्यों आएंगे? रोज हमें आकर जांच करनी पड़ेगी? जो डॉक्टर बाहर की दवा लिख रहे हैं, तुरंत कार्रवाई करें।”

उन्होंने यह भी कहा कि कई प्राइवेट अस्पताल 4-5 लाख रुपये लेने के बाद गंभीर मरीजों को रिम्स भेज देते हैं। इसे उन्होंने गरीबों के साथ अपराध बताते हुए ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए सूची बनाने का निर्देश दिया।

मौके पर ही कार्रवाई

शिकायत सुनने के बाद निदेशक ने खुद कई वार्डों का निरीक्षण किया और मरीजों से बात की। वहीं पर मौजूद अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिए गए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई शुरू हो गई।

यह मामला राज्य के प्रमुख अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता है। सरकार ने अब कड़े कदम उठाने के संकेत दिए है। देखना है कि दवा चोरी के पीछे कौन सा नेटवर्क सामने आता है और कार्रवाई कितनी दूर तक जाती है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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