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संपत्ति के लालच में नौकर पति-पत्नी ने 5 साल तक बनाया बंधक, भूख-प्यास से रिटायर्ड रेलकर्मी की मौत; बेटी बनी कंकाल

On: December 30, 2025 11:10 AM
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महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां संपत्ति की हवस में एक नौकर दंपति ने रेलवे से सेवानिवृत्त बुजुर्ग कर्मचारी और उनकी मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी को करीब पांच वर्षों तक घर में कैद कर अमानवीय यातनाएं दीं। लगातार भूख, बीमारी और इलाज के अभाव में बुजुर्ग की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनकी बेटी की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।


शहर कोतवाली क्षेत्र के हिंद टायर गली की वारदात


यह सनसनीखेज मामला महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र के हिंद टायर गली का है। यहां रेलवे में सीनियर क्लर्क पद से सेवानिवृत्त 70 वर्षीय ओमप्रकाश सिंह राठौर अपनी 27 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी रश्मि के साथ रहते थे। वर्ष 2016 में पत्नी के निधन के बाद ओमप्रकाश ने अपनी और बेटी की देखभाल के लिए चरखारी निवासी रामप्रकाश कुशवाहा और उसकी पत्नी रामदेवी को घरेलू नौकर के रूप में रखा था।


भरोसे की आड़ में रची गई खौफनाक साजिश


परिजनों का आरोप है कि शुरुआत में सेवा और सहानुभूति दिखाने वाला नौकर दंपति धीरे-धीरे अपने असली इरादे पर उतर आया। उन्होंने पहले बुजुर्ग का भरोसा जीता और फिर योजनाबद्ध तरीके से पूरे मकान पर कब्जा जमा लिया। पिता और बेटी को मकान के निचले कमरों में बंद कर दिया गया, जबकि आरोपी दंपति ऊपर की मंजिल पर आरामदायक जीवन जीते रहे।


भोजन और इलाज तक से वंचित रखा


आरोप है कि ओमप्रकाश और उनकी बेटी को भरपेट खाना तक नहीं दिया जाता था। बीमारी की हालत में भी न तो डॉक्टर दिखाया गया और न ही दवाएं दी गईं। जब भी कोई रिश्तेदार या परिचित मिलने आता, तो नौकर बहाने बनाकर उन्हें लौटा देता था, यह कहकर कि दोनों किसी से मिलना नहीं चाहते या बाहर गए हुए हैं। इस तरह सालों तक उन्हें समाज से पूरी तरह काट दिया गया।


मौत के बाद खुला अमानवीय कैद का सच


सोमवार को जब ओमप्रकाश सिंह की मौत की सूचना परिजनों को मिली, तो वे तत्काल मौके पर पहुंचे। घर के अंदर का दृश्य देखकर सभी स्तब्ध रह गए। बुजुर्ग का शव कुपोषण और उपेक्षा की भयावह कहानी बयां कर रहा था। वहीं उनकी बेटी रश्मि एक अंधेरे कमरे में बदहाली की हालत में पड़ी मिली।


27 साल की उम्र में 80 साल जैसी हालत


भूख और प्रताड़ना ने रश्मि को इस कदर तोड़ दिया कि 27 वर्ष की युवती 80 साल की बुजुर्ग जैसी दिखाई दे रही थी। शरीर पर मांस का नामोनिशान नहीं, केवल हड्डियों का ढांचा और मुश्किल से चलती सांसें। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं।


संपत्ति और बैंक खाते पर नजर


परिजनों का आरोप है कि नौकर दंपति ने मकान और बैंक में जमा रकम हड़पने के लिए यह पूरी साजिश रची थी। पिता-बेटी को जानबूझकर भूखा रखा गया, ताकि धीरे-धीरे उनकी मौत हो जाए और संपत्ति पर कब्जा आसान हो सके।


पुलिस जांच में जुटी, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा


घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की बात कही जा रही है।


सम्मानित जीवन से अमानवीय मौत तक


कभी सूट-टाई पहनकर सम्मानपूर्वक जीवन जीने वाला रेलवे कर्मचारी जिस तरह अंत में भूख, बीमारी और कैद का शिकार बना, उसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। फिलहाल परिजन रश्मि के इलाज और देखभाल में जुटे हैं और दोषियों को कठोरतम सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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