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दुमका: आदिवासी सेंगेल अभियान ने मनाई क्रांति दिवस

On: July 1, 2025 4:45 AM
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दुमका: आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से दुमका जिला के रानीश्वर प्रखण्ड के अंतर्गत दक्षिणजोल में 30 जून 2025 को 170 वाँ हूल माहा (क्रांति दिवस) मनाई गई। कार्यक्रम से पूर्व सिदो मुर्मू – कान्हू मुर्मू के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदिवासी सेंगेल अभियान के दुमका जोनल हेड बार्नाड हांसदा ने कहा कि इसी दिन 30 जून 1855 को महान वीर शहीद सिदो मुर्मू के नेतृत्व में दस हजार से अधिक संतालों ने अंग्रेजी हुकूमत और महाजन के खिलाफ हूल अर्थात क्रांति का बिगुल फूंका था। उसी के परिणामस्वरूप 22 दिसंबर 1855 को संताल परगना दिशोम और एसपीटी कानून बना है। किन्तु आज झारखंड में जो भी सरकारें बनी किसी ने भी जमीन बचाने का कानून सीएनटी और एसपीटी को सख्ती से लागू नहीं किया, बल्कि तोड़ने का काम किया है। इसी तरह आदिवासी भाषा – संस्कृति, सरना धर्म,मरांग बुरू (पारसनाथ पहाड़)आदि को भी बचाने की जगह बेंचने का काम किया। जिसके कारण आज आदिवासी समाज मरने के कगार पर खड़ा है। आदिवासी समाज को यदि आज अपने अस्तित्व को बचाना है,तो सबसे पहले समाज में सुधार लाना होगा,तब एकता बनेगा, और एकता बनाकर अधिकार का बात होगा। हम दुश्मनों से लड़ सकते हैं। इसके लिए आदिवासी समाज में परंपरा के नाम से चल रहे वंशवादी स्वशासन व्यवस्था में सुधार कर जनतंत्रीकरण करना होगा। आदिवासियों के समाजिक धार्मिक क्रियाकलापों में नशापान (हंड़िया चोडोर) को त्यागकर निर्मल जल (बेरेल दाअ्) से करना होगा। पढ़े-लिखे, नौकरी – पेशा और बुद्धि जीवियों को भी समाज बचाने में सहयोग करना होगा। आदिवासियों को वोट और राजनीति भी समझना होगा। महिला विरोधी मानसिकता को भी खत्म करना होगा।

दुमका जिला अध्यक्ष सुनील मुर्मू ने कहा कि जिस प्रकार सिदो मुर्मू के नेतृत्व में आज ही के दिन क्रांति के लिए शपथ लिया गया था,आज हमलोग भी अपने समाज में सुधार के लिए शपथ लेते हैं। तभी समाज में एकता बनाकर अधिकार की बात हो सकती है।

सरकार से मांगे हैं

1. 30 जून को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाय।

2. सिदो मुर्मू, और बिरसा मुंडा के वंशजों को 100 – 100 करोड़ का जमा पूंजी देना होगा।

3. रामेश्वर मुर्मू को न्याय देना होगा।

4. असम के आदिवासियों को S T का दर्जा देना होगा।

5. झारखंड में संताली भाषा को प्रथम राजभाषा बनाना होगा।

6. सरना धर्म कोड जनगणना से पहले देना होगा।

कार्यक्रम में मनवेल हांसदा, बहादुर मुर्मू,शिवाली मुर्मू , विश्वनाथ मुर्मू,राजेश मुर्मू,लालाबाबू मुर्मू, सिनोदी किस्कू, शुभम टुडू, जादू टुडू,संतोष मुर्मू,शामिल थे

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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