रांची: माननीय राज्यपाल-सह-झारखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने आज बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद के द्वितीय दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत उन्नति तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक दायित्वों के निर्वहन का भी सशक्त माध्यम है।
इस अवसर पर उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनसे आह्वान किया कि वे कम से कम एक बच्चे की शिक्षा का दायित्व अवश्य लें, ताकि समाज से अशिक्षा को दूर करने में सार्थक योगदान दिया जा सके।
राज्यपाल महोदय ने स्वर्गीय बिनोद बिहारी महतो को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि उनका जीवन शिक्षा, श्रम और आत्मगौरव के मूल्यों का सशक्त प्रतीक है। वे केवल एक जननेता ही नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना के प्रतीक भी थे। उनका संपूर्ण जीवन इस तथ्य का प्रमाण है कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्ति का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, सम्मान और आत्मनिर्भरता का सबसे प्रभावी माध्यम है।
माननीय राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह जीवन की नई जिम्मेदारियों को स्वीकार करने की औपचारिक शुरुआत है। अब उनका ज्ञान, आचरण और मूल्य समाज तथा राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से उत्कृष्टता, नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर अग्रसर रहने का आह्वान किया।
उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में शिक्षा को समावेशी, सुलभ एवं समाजोपयोगी बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज शिक्षा सामाजिक सशक्तिकरण और समान अवसर उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम बन रही है।
अंत में राज्यपाल महोदय ने सभी उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की तथा विश्वविद्यालय को निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहने की शुभकामनाएँ दीं।














