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पिन्टू कुमार

गढ़वा: चिनिया थाना क्षेत्र के चिरका गांव में बीती रात एक बार फिर जंगली हाथी का कहर टूटा। रात करीब 11:30 बजे हाथी ने दो ग्रामीणों को बेरहमी से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। मृतकों की पहचान प्रमिला देवी (उम्र 40 वर्ष) और सुधीर सोरेंग (उम्र 35 वर्ष) के रूप में हुई है।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रमिला देवी घर से कुछ ही दूरी पर अपने प्रवासी पति से मोबाइल पर बात कर रही थीं, तभी अचानक एक जंगली हाथी वहां आ धमका। प्रमिला देवी जान बचाकर भागने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने लपककर उसे कुचल दिया। जहां उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, पास के ही घर में सो रहे सुधीर सोरेंग को जब लगा कि कोई उसके कटहल के पेड़ को नुकसान पहुंचा रहा है, वह बाहर निकले जहां हाथी ने उस पर भी हमला कर दिया और कुचलकर मार डाला।

इस भयावह घटना से पूरे गांव में मातम पसर गया है। सुबह होते ही आक्रोशित ग्रामीण शवों के पास जुट गए और वन विभाग की घोर लापरवाही के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। सुबह 9 बजे तक भी वन विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे आक्रोश और भी भड़क उठा। ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि जब तक वरीय वन अधिकारी मौके पर नहीं आते, तब तक शवों को उठाने नहीं देंगे। हालांकि चिनि‌या थाना प्रभारी अमित कुमार अहले सुबह ही अपने पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं व ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।


बता दें कि चिरका गांव में पिछले 6 महीनों में जंगली हाथियों द्वारा कुचलकर 5 लोगों की जान जा चुकी है। बावजूद इसके वन विभाग अब तक आंखें मूंदे बैठा है। पिछली घटनाओं के बाद भी जब ग्रामीणों ने चिनियां थाना चौक पहुंचकर गढ़वा-चिनिया मुख्य पथ को जाम कर बन कार्यालय का घेराव करते हुए विरोध दर्ज कराया था तब भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

अब ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे रहा है। वे सवाल कर रहे हैं—“आखिर कब जागेगा विभाग? और कितनी जानें जाएंगी?” खबर दिखे जाने तक घटनास्थल पर सैकड़ो  ग्रामीणों की भीड़ जमा थी।