विजय बाबा/अशोक सिंह
गुमला: रायडीह प्रखंड के कोजांग में गुरुवार को संपन्न सामाजिक सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता खरवार भोगता समाज विकास संघ के प्रमंडलीय अध्यक्ष मंगल सिंह भोगता ने कहा कि खरवार भोगता समाज शाही नीलांबर पीतांबर के वंशज है। देश व समाज के प्रति उनका समर्पण हमारे लिए प्रेरणा और उनकी साहस वीरता व बलिदान हमारी पहचान है। नीलांबर पीतांबर के इतिहास ने हमें अपने मूल जाति एसटी का अधिकार वापस दिलाया है। बच्चों को शिक्षित और संगठित करना है। राजनीति अधिकार हासिल करना है। आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ना है और जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। शाही नीलांबर पीतांबर के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुरुआत किया गया। केंद्रीय महासचिव जगरनाथ प्रधान ने भोगता समाज को एसटी में वापस लाने के लिए किए गए सांगठनिक संघर्ष से समाज के लोगों को अवगत कराया।

संरक्षक विश्वनाथ प्रधान ने खरवार समाज के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि रोहतास गढ़ में धवल प्रताप के पांच पीढ़ी ने शासन किया था और वह खरवार भोगता से आते थे। मुगलों के आक्रमण के कारण खरवार भोगता समाज सुदूर वन क्षेत्र में संरक्षण लेने को विवश हुआ। अब हम जागरूक हो रहे हैं। अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा और संगठन को मजबूत करना है।
