बीजापुर: छत्तीसगढ़ में माओवादी विरोधी अभियान के तहत बीजापुर जिले के घने जंगलों में बुधवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। यह झड़प तेलंगाना की सीमा से सटे तारलागुडा इलाके में हुई, जहां पुलिस और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीमें तलाशी अभियान पर थीं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ स्थल से तीन नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं और मौके से हथियार एवं गोला-बारूद भी जब्त किए गए हैं। हालांकि आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है, लेकिन घटनास्थल से मिले साक्ष्य बड़े माओवादी गुट की मौजूदगी की ओर इशारा करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, यह मुठभेड़ अन्नाराम और मरिमल्ला गांवों के बीच के जंगली इलाके में हुई, जो नक्सल प्रभावित और अत्यंत दुर्गम क्षेत्र माना जाता है। सुरक्षा बलों की टीमें अभी भी इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। बुधवार शाम तक अभियान जारी था।
खुफिया सूत्रों से पहले ही संकेत मिले थे कि सीमावर्ती क्षेत्र में सशस्त्र माओवादी दल सक्रिय हैं। इस सूचना के आधार पर जिला रिज़र्व गार्ड (DRG) और विशेष कार्य बल (STF) की संयुक्त टुकड़ियों ने इलाके में अभियान शुरू किया था।
पुलिस के मुताबिक, मारे गए नक्सली अंतरराज्यीय सीमा पर सक्रिय स्थानीय क्षेत्रीय समितियों (Local Area Committees) से जुड़े हो सकते हैं। बरामद हथियार और सामग्री इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह दल किसी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में था।
यह मुठभेड़ उस समय हुई है जब राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन के लिए तेज़ी से अभियान चला रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में बयान दिया था कि मार्च 2026 तक देश को माओवाद से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के गठन के बाद से अब तक 2,100 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 1,785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 नक्सली विभिन्न अभियानों में मारे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि लगातार चल रहे संयुक्त अभियानों से माओवादी नेटवर्क कमजोर हुआ है और जंगल क्षेत्रों में सरकारी विकास योजनाओं का विस्तार तेज़ी से हो रहा है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, 3 नक्सली ढेर; हथियार बरामद














