EPFO new rules: नौकरीपेशा लोगों के लिए राहत भरी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब सदस्य अपने EPF खाते से पूरी राशि निकाल सकेंगे। सोमवार को हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (Central Board of Trustees – CBT) की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने की।
श्रम मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार EPF सदस्यों के जीवन को आसान और नियोक्ताओं के लिए कारोबार को सरल बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि EPFO ने अपने पुराने और जटिल नियमों को सरल बना दिया है।
अब केवल तीन कैटेगरी में होगा पार्शियल विड्रॉल
EPFO ने पुराने 13 जटिल नियमों को खत्म कर अब तीन मुख्य कैटेगरी में पार्शियल विड्रॉल की व्यवस्था की है —
1. आवश्यक जरूरतें (जैसे शिक्षा, शादी, बीमारी)
2. हाउसिंग जरूरतें (मकान से जुड़े खर्चे)
3. विशेष परिस्थितियां (जैसे बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा, महामारी आदि)
अब ज्यादा बार निकाल सकेंगे पैसा
पहले शिक्षा और शादी के लिए केवल तीन बार निकासी की अनुमति थी, लेकिन अब शिक्षा के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार निकासी की जा सकेगी। साथ ही न्यूनतम सेवा अवधि (Minimum Service Period) को घटाकर 12 महीने कर दिया गया है, जो पहले अलग-अलग जरूरतों के लिए अलग-अलग थी।
अब नहीं बताना होगा निकासी का कारण
पहले विशेष परिस्थितियों में पैसा निकालने के लिए कारण बताना अनिवार्य था, जिससे कई बार क्लेम रिजेक्ट हो जाते थे। लेकिन अब सदस्यों को कारण बताए बिना भी निकासी की अनुमति होगी।
खाते में रहेगा 25% मिनिमम बैलेंस
EPFO ने यह भी तय किया है कि खाते में कम से कम 25% राशि मिनिमम बैलेंस के रूप में बनी रहे। इससे खाताधारकों को 8.25% ब्याज दर और कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ मिलता रहेगा, जिससे रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त फंड तैयार हो सकेगा।
अब नहीं देनी होगी दस्तावेजों की झंझट
नए नियमों के तहत अब कोई दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। EPFO पूरी निकासी प्रक्रिया को ऑटोमैटिक बनाने की तैयारी कर रहा है, ताकि क्लेम्स का निपटारा जल्दी हो सके।
सेटलमेंट और पेंशन अवधि में बदलाव
फाइनल सेटलमेंट की समय सीमा को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और पेंशन निकासी की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दिया गया है।
इन नए प्रावधानों के लागू होने के बाद EPF खाताधारकों को अपने पैसे तक पहुंचना पहले से कहीं आसान और तेज हो जाएगा।













