पहली पुण्यतिथि पर परिजन ने लगाया पौधा, यह परंपरा सभी को अपनानी चाहिए : ऋषिकेश षाड़ंगी

On: July 27, 2024 4:53 AM

---Advertisement---
पालकोट (गुमला): विगत वर्ष पालकोट ब्राह्मण मुहल्ला के निवासी समाज सेवी स्व.महेश्वर षाड़ंगी का लंबी उम्र के बाद निधन हो गया था। आज उनका पहला पुण्य तिथि था। इस अवसर पर उनके परिजन ने मिलकर उनकी याद में पौधरोपण किया।
परिजन श बंसीधर षाड़ंगी बताते हैं कि इस परंपरा को अपनाकर वे पूरे देश के लोगों को संदेश देना चाहते हैं। ताकि लोग अपने पूर्वजों को याद रख सकें और आगामी पीढी तक यह संदेश जाय और प्रकृति भी बची रहे। मृतात्मा की शांति के लिए धर्मानुशार रीति रिवाज प्रायः सभी धर्मों में होता है। प्राकृतिक संसाधनों के बचाव के लिए मृतात्मा की याद में प्रत्येक वर्ष ऐसे ही श्राधकर्म के दिन एक पौधा पितृ के नाम जरूर लगाएं इससे पुण्य की प्राप्ति होगी और यश भी बना रहेगा। पूर्व समाजसेवी के पुत्र श्रीधर षाड़ंगी ने कहा कि वह हर साल पौधा लगाकर अपने पिता को श्रद्धांजलि समर्पित करते हैं।
उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों का मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। इसलिए मनुष्य को अपने बुजुर्गों और प्रियजनों की याद में कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाने चाहिए। पिता को इससे बड़ी कोई श्रद्धांजलि नहीं हो सकती कि उनके नाम पर लगाया गया वृक्ष हरा-भरा रहे और शीतल छाया दे और फल दे। वरीय शिक्षक कुमुद बिहारी षाड़ंगी ने कहा कि आज चहुँओर प्राकृतिक आपदाएं आ रही है, इसका कारण मनुष्य खुद है। हमें जल जंगल को बचाना है तब हमारा कल अच्छा होगा। आज पुण्य आत्मा की शांति के लिए पौधरोपण प्रथम प्रयास है और सभी समाज को यह संदेश देना भी है कि अपनों को याद करने के लिए इससे अच्छा दिन और क्या होगा। वार्षिक पुण्यतिथि के दिन कम से कम मृत आत्मा की याद में एक पौधा सभी लोग लगाएं ताकि लोग मरकर भी अमर रहें।
पर्यावरण की सुरक्षा हर किसी का दायित्व होना चाहिए। आज के परिवेश में जहां प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में समाज के हर तबके के लोगों का दायित्व बनता है कि कम से कम एक पौधा लगाकर पर्यावरण को दूषित होने से रोकें इसके लिए पुण्य तिथि के दिन का चुनाव करें जिससे उस पौधा के प्रति आत्मीयता बनी रहे।
उन्होंने बताया कि अपने पिता की पुण्यतिथि पर पौधा अब प्रत्येक वर्ष लगेगा और अब लोगों को भी पौधा रोपण के लिए प्रेरित करने का काम करूँगा। इस नेक कार्य का उदेश्य वर्तमान पीढी को संदेश देना है कि पेड़-पौधों की कमी से निरंतर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। हम सभी का फर्ज बनता है कि गाँव की खूबसूरती को बनाए रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने युवाओं को अधिक से अधिक पौधे लगाने की भी अपील की। श़ुद्ध हवा व वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पौधरोपण एक परम पुनीत कार्य है। धरती पर हरियाली खत्म होती जा रही है। सभी को अपने पूर्वजों की स्मृति में पौधरोपण कर उनके यादगार को जीवंत बनाना चाहिए। पेड़ पौधे हमारे जहर पीते हैं और हमें अमृत प्रदान करते हैं। यही जीवन का आधार भी है।
पौधरोपण कार्यक्रम में श्रीमती कमला देवी, गीता षाडंगी,रीता षाड़ंगी,प्रेमा षाड़ंगी, दीपाली साडगी,ममता षाड़ंगी, पंकज षाड़ंगी, डॉ. संजय षाड़ंगी,प्रकाश षाड़ंगी,श्वेता षाड़ंगी,श्रधा षाड़ंगी,अथर्व षाड़ंगी डगी,श्रीमोहन मिश्रा,गौरी शंकर बीसी, जग्रनाथ मिश्रा, करुणाकर नंद, मुरलीधर होता,पवन मिश्रा सहित कई बौधिक जन सम्मिलित थे।