लातेहार: नदी, तालाब के भरोसे खेती पर निर्भर किसान

On: June 24, 2024 2:29 PM

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लातेहार: जिले में एक भी सिंचाई परियोजना नहीं है। यहां के किसान डैम, चेकडैम, नदी, तालाब, बरसाती पानी के भरोसे ही खेती पर निर्भर है। हालांकि जिले भर में एक दर्जन से अधिक डैम व चेक डैम है लेकिन वर्षों से इसका साफ-सफाई नहीं हो पाया है। जिस कारण नहर तक पानी नहीं पहुंच पाती है। किसानों को भी इसका कोई खास लाभ नहीं मिल पाता है। लेकिन योजना धरातल पर नहीं दिख रही है।
किसानों ने कहा कि जिले में जो डैम व चेक डैम है। उसकी सही से मरम्मति करा दिया जाए तो हजारों एकड़ जमीन सिंचित होगी। किसानों का कहना है कि सिंचाई की सुविधा नहीं रहने के कारण जिले में धान की फसल के अलावा कोई दूसरा फसल बड़े पैमाने में नहीं कर पाते हैं। महुआडांड़ में सिंचाई परियोजना धरातल पर लाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई हैं। महुआडांड़ प्रखंड में लघु सिंचाई विभाग के द्वारा 3 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से कराए गए नकटी नदी नहर परियोजना और 12 करोड़ की लागत से निर्मित डूम्बरडीह से लेकर अहिरपुरवा ग्राम तक सात किलोमीटर पक्की नहर निर्माण किया गया था,जो किसानों के लिए सार्थक साबित नहीं हुआ। बताते चले कि प्रखंड में लंबे समय बाद पांच वर्षों पूर्व कच्ची नहर को पक्कीकरण एवं मरम्मत कार्य की निविदा निकाली गई थी, जिससे किसानों को कृषि कार्य के लिए पानी दिया जा सके। निविदा उपरांत कश्यप कन्स्ट्रक्शन द्वारा कार्य शुरु भी किया गया जिससे किसानों में हर्ष व्याप्त था। परंतु इन्ही किसानों को धीरे धीरे निराशा हाथ लगने लगी।
नकटी नदी में पक्कीकरण नहर निर्माण का काम पिछले चार साल से ही चालू है। निर्माण कार्य का यह पांचवां वर्ष चल रहा है, जबकि निर्माण कार्य एक साल में पूरा करना था। योजनाओं के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता सही न होने की वजह से नहर कार्य पूर्ण होने से पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो गई। वही इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद भी नहर निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने की वजह से किसानों में रोष भी व्याप्त है।