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जमशेदपुर: हिंदुओं का व्रत त्योहार माना जाता है कि गणेश चतुर्थी और तीज से शुरू हो जाता है तीज के दो-तीन दिन पहले तक बारिश हो रही थी और मौसम खुश गवार था लेकिन जैसे-जैसे तीज और गणेश पूजा निकट आने लगी पिछले तीन-चार दिनों से धूप जहर की तरह हो रही है और उमस भी काफी है लोगों को घरों में भी बेचैनी महसूस हो रही है कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है पेट खराब सर्दी खांसी बुखार का कहर जारी है। इसी बीच बिजली विभाग ने भी न जाने बदला लेना शुरू कर दिया है और परसुडीह जैसे ग्रामीण क्षेत्र की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है।

परसुडीह जैसे ग्रामीण क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बिजली व्यवस्था फिर से एक बार चरमरा गई है। दिन भर बिजली की आंख मिचौली जारी रहती है।

बता दें कि पिछले कई दिनों से यह व्यवस्था चल रही है लोग काम धाम खत्म कर निद्रा देवी के आगोश में जाने की तैयारी में लगे रहते हैं और बिजली गुल हो जाती है।

लोगों का कहना है कि झारखंड सरकार मंईयां सम्मान योजना के तहत 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को₹1000 प्रतिमाह देने का ऐलान कर दिया है लेकिन बिजली नदारत रहने से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है।

लोगों का कहना है की वैसे योजना का क्या फायदा जब बिजली बिल चुकाने के बावजूद बिजली ही ना मिले और लोग भरपूर नींद न मिलने से बीमार पड़े और तनाव ग्रस्त रहे। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो और कल कारखाने कुटीर उद्योग का काम प्रभावित होने लगे तो उस ₹1000 से क्या होगा!

फिलहाल पावर गुल रहने से और उमस भरी गर्मी रहने से लोग परेशान हैं।

दिन में भी कब बिजली आए और कब बिजली चली जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है कोई टाइम टेबल नहीं है जिससे लोगों में सरकार के प्रति और बिजली विभाग के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। यही हाल गर्मी के दिनों में भी था अब बरसात में भी यही हाल है और ठंड में भी यही हाल रहने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव सर पर है और विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाने से कतई नहीं चूकेंगे। यह पुरजोर संभावना है क्योंकि इसके पहले भी बिजली को लेकर कई आंदोलन धरना प्रदर्शन हंगामा हो चुका है। ऐसी स्थिति में बिजली रानी झारखंड सरकार को ले डूबेगी यह लोगों का आरोप है।

शुक्रवार 6 सितंबर की सुबह से व्रत धारी उपवास रखे हुए हैं और सुबह 10:00 बजे से बिजली का आता पता नहीं है और अभी लगभग 2 घंटे बीत चुके हैं इसके बावजूद बिजली नहीं आई है।

व्रत धारी झारखंड सरकार और बिजली विभाग को कोस रहे हैं।

बता दें कि वैसे ही झारखंड सरकार पर और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाता रहा है।