श्री बंशीधर नगर (गढ़वा)। झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2023 के घोषित परिणाम में गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर के होनहार तेजस्वी कुमार जायसवाल ने राज्य में 23वीं रैंक हासिल कर न सिर्फ जिले का नाम रोशन किया है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा की नई मिसाल कायम की है।
तेजस्वी जायसवाल वीरेंद्र प्रसाद जायसवाल के बड़े पुत्र हैं। उनका यह सफर साधारण शुरुआत से असाधारण मुकाम तक पहुंचने की गाथा है।
शिक्षा की नींव गाँव में, उड़ान राज्य स्तर पर
तेजस्वी की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती ज्ञान मंदिर और मिडिल स्कूल नगर ऊंटारी से हुई। उन्होंने हाई स्कूल नगर ऊंटारी से मैट्रिक परीक्षा में 75% अंक प्राप्त किए और यहीं से इंटर की पढ़ाई भी पूरी की। इसके बाद उन्होंने रांची से डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया और फिर बीआईटी सिंदरी, धनबाद से बीटेक की डिग्री हासिल की।
नेवी से मिली प्रेरणा, यूपीएससी से शुरू हुआ सफर
“झारखंड वार्ता” से ख़ास बातचीत करते हुए तेजस्वी जायसवाल बताते हैं कि उनके छोटे भाई पृथ्वीराज जायसवाल का 2018 में इंडियन नेवी में चयन हुआ, जिससे उन्हें गहरी प्रेरणा मिली। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी शुरू की, लेकिन बाद में पूरी लगन से JPSC की ओर ध्यान केंद्रित किया।
हालांकि पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ दूसरी बार में उन्होंने राज्य स्तर पर 23वां स्थान हासिल कर लिया।
6 से 8 घंटे की पढ़ाई, अनुशासन और लगन से मिली सफलता
तेजस्वी जायसवाल ने बताया कि वे प्रतिदिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे। यूपीएससी की तैयारी के अनुभव ने भी JPSC की रणनीति बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने खासतौर पर अपने छोटे भाई, शिक्षकों और दोस्तों का धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से यह उपलब्धि संभव हो पाई।
सिस्टम की खामियों ने बढ़ाई बदलाव की आग
झारखंड वार्ता के एक सवाल के जवाब में तेजस्वी ने कहा कि जब वे अपने किसी कार्य के लिए ब्लॉक कार्यालय जाते थे, तो उन्हें बार-बार चक्कर लगाना पड़ता था। गरीब और असहाय लोगों को दर-दर भटकते देखकर उनके मन में सवाल उठता था—”क्या प्रशासन में संवेदना की कोई जगह नहीं?” इसी सवाल ने उन्हें प्रशासनिक सेवा में आने की प्रेरणा दी और आज वे उस मुकाम पर हैं जहाँ से वे खुद उन समस्याओं को हल कर सकते हैं। तेजस्वी ने कहा, संघर्ष से घबराइए मत, वो आपको आगे बढ़ने की ताक़त देता है। मेहनत करें, लगातार करें—सपने जरूर पूरे होंगे।
कविता और संगीत के भी शौकीन
बचपन से ही संगीत और कविता लिखने का शौक रखने वाले तेजस्वी कहते हैं कि जब भी पढ़ाई से थक जाते थे, तो कविता लिखना और गुनगुनाना उन्हें नई ऊर्जा देता था।
जिले भर में खुशी की लहर, घर पर लगा बधाइयों का तांता
तेजस्वी की सफलता की खबर फैलते ही श्री बंशीधर नगर में खुशी की लहर दौड़ गई। दोस्त, रिश्तेदार और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में उनके घर पहुंचकर बधाई दे रहे हैं। उनके माता-पिता की आंखों में गर्व के आंसू छलक उठे। यह पल उनके लिए गर्व, संघर्ष और भावनाओं का संगम बन गया।