चतरा: सड़क नहीं होने के कारण चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड के कुब्बा गांव निवासी भोला गंझू को अपने 8 साल के बेटे अजय कुमार का शव कंधे पर उठाकर मीलों पैदल चलना पड़ा, ताकि एंबुलेंस तक पहुंच सकें। यह दिल दहला देने वाली घटना सिस्टम की गंभीर खामियों को उजागर करती है। कुब्बा गांव घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों के बीच बसा है, जहां आदिम जनजातियों जैसे बिरहोर, गंझू और भोक्ता समुदाय के लोग रहते हैं। इस गांव तक सड़क नहीं होने के कारण आपात स्थिति में एम्बुलेंस या अन्य वाहन नहीं पहुंच पाते।
बीते गुरुवार को झारखंड के एक गांव में 8 वर्षीय अजय कुमार की तालाब में डूबने से मौत हो गई। गांव में सड़क न होने के कारण एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई और योगीयारा मुख्य मार्ग पर ही रुक गई। मजबूरी में पिता भोला गंझू को बेटे का शव कंधे पर उठाकर कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। यह घटना न केवल हृदयविदारक थी, बल्कि राज्य की ग्रामीण स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे की गंभीर स्थिति को उजागर करती है।
इस घटना के बाद प्रशासन ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया और सरकार ने पीड़ित परिवार को सहायता राशि देने का आश्वासन दिया है। हालांकि, यह मुआवजा उस पीड़ा को नहीं मिटा सकता जो एक पिता ने अपने बेटे का शव कंधे पर उठाकर झेली।