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लखनऊ में पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत; कई घायल

On: August 31, 2025 2:15 PM
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लखनऊ: राजधानी लखनऊ के गुडंबा क्षेत्र के बेहटा गांव में रविवार को एक पटाखा फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट हो गया। इस हादसे में पटाखा व्यवसायी आलम, उनकी पत्नी और दोनों बेटों समेत एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। वहीं, कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और मलबे में दबे अन्य लोगों की तलाश जारी है।

धमाका इतना भीषण कि ढह गई छत

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धमाका इतना जोरदार था कि पूरी फैक्ट्री की छत का बड़ा हिस्सा ढह गया। धमाके की आवाज से आसपास के गांवों में दहशत फैल गई और लोग घरों से बाहर निकल आए। फैक्ट्री से उठते धुएं का गुबार दूर-दूर तक दिखाई दे रहा था।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया। जेसीबी और अन्य उपकरणों की मदद से मलबे को हटाने का काम जारी है। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोगों के अब भी दबे होने की आशंका है।

सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

यह फैक्ट्री एक घर के अंदर संचालित हो रही थी। एसीपी अनिंद्य विक्रम सिंह ने बताया कि विस्फोट इसी घर में हुआ। घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस फैक्ट्री के संचालन के लिए जरूरी सुरक्षा मानकों और लाइसेंस का पालन किया जा रहा था या नहीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री लंबे समय से गांव में संचालित हो रही थी और पहले भी इसकी सुरक्षा को लेकर शिकायतें की गई थीं।

सीएम योगी ने जताई संवेदना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

दहशत का माहौल

गांव और आसपास के इलाकों में इस घटना के बाद से दहशत का माहौल है। कई परिवारों के लोग फैक्ट्री में काम कर रहे थे, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर जुटे हुए हैं और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई व जांच की मांग कर रहे हैं।

जांच के बाद स्पष्ट होगी वजह

अधिकारियों ने कहा कि हादसे की असली वजह अभी स्पष्ट नहीं है। विस्तृत जांच के बाद ही यह पता चल पाएगा कि फैक्ट्री में अचानक धमाका क्यों हुआ।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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कानपुर का “I Love Mohammad” विवाद : पोस्टर से भड़की बड़ी बहस
कानपुर शहर हाल ही में एक पोस्टर विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया। मामला तब शुरू हुआ जब शहर के एक इलाके में बिना अनुमति “I Love Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। यह पोस्टर कुछ ही समय में चर्चा का विषय बन गए और कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने बैनर हटवाया और मामले की जांच शुरू की।
प्रशासन का कहना है कि यह विवाद असल में “बिना अनुमति बैनर लगाने” का है, लेकिन इसे धर्म से जोड़कर फैलाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाने वाले काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
यह विवाद कानपुर तक सीमित नहीं रहा। धीरे-धीरे इसकी आंच उन्नाव, बरेली और यहां तक कि उत्तराखंड तक पहुंच गई। वाराणसी में साधु-संतों ने इसका जवाब “I Love Mahadev” पोस्टर लगाकर दिया। इस तरह मामला एक “पोस्टर वार” में बदल गया, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा होने लगी।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को रोकने की अपील की। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए और ऐसे विवादों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि छोटे-छोटे मुद्दे भी अगर सही समय पर नियंत्रित न किए जाएं तो वे बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं। समाज को चाहिए कि आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखते हुए ऐसे मामलों से दूरी बनाए।

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