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रांची: झारखंड में 2027 तक फाइलेरिया मुक्त लक्ष्य के तहत 10 अगस्त से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान शुरू हुआ। पहले चरण में 9 जिलों (चतरा, गोड्डा, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, हजारीबाग, जामताड़ा, पलामू, लातेहार, दुमका) के 80 प्रखंडों में 1.42 करोड़ की आबादी में से 1.27 करोड़ लोगों को डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन दवा निशुल्क दी जाएगी।

इस कार्यक्रम में अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग डॉ. बीरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) अभियान में शिक्षा, आईसीडीएस, पंचायती राज, शहरी विकास, पेयजल व स्वच्छता, आजीविका और पीएचईडी विभागों का सहयोग लिया जा रहा है। फाइलेरिया मुक्ति के लिए बूथ और घर-घर जाकर, 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार व्यक्तियों को छोड़कर, सभी पात्र लोगों को प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी निर्धारित खुराक अपने सामने खिलाएंगे। यह अभियान 11 से 25 अगस्त तक चलेगा।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने खुद दवा खाकर जामताड़ा से इस अभियान की शुरुआत की। डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि “मैंने दवा ली है, आप भी लें। हर हाल में झारखंड को फाइलेरिया मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 तक झारखंड को पूरी तरह फाइलेरिया मुक्त घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वस्थ झारखंड, सक्षम झारखंड के विजन को साकार करना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि आप यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पात्र व्यक्ति दवा खाने से वंचित न रहे। उन्होंने आगे कहा कि फाइलेरिया केवल शारीरिक अपंगता नहीं लाता। बल्कि व्यक्ति के आत्मसम्मान, आजीविका और मानसिक स्वास्थ्य को भी गहरी चोट पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि इस बीमारी को रोका जा सकता है। वह भी साल में केवल एक बार दी जाने वाली दवा के उपयोग से बीमारी को रोका जा सकता है।