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पलामू/लातेहार। पलामू टाइगर रिजर्व (PTR) के बेतला नेशनल पार्क इलाके में वन्यजीवों के शिकार करने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की गई है। पार्क के एंटी-पोचिंग कैंप की टीम ने चार शिकारियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से चार देसी बंदूकें, बारूद, हिरण के सींग और शिकार में इस्तेमाल होने वाले फंदे बरामद किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह हिरण और चीतल का शिकार कर मांस बेचने के एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।


वन रक्षक पर की गई फायरिंग

जानकारी के मुताबिक, एंटी-पोचिंग कैंप में तैनात फॉरेस्ट गार्ड संतोष कुमार को रविवार देर रात गोली चलने की आवाज सुनाई दी। वह तुरंत उस दिशा में पहुंचे, जहां दो शिकारी फायरिंग के बाद भागने की कोशिश कर रहे थे। संतोष कुमार को देखकर एक शिकारी ने उन पर फायरिंग भी कर दी। गनीमत रही कि संतोष बाल-बाल बच गए।

इसके बाद संतोष कुमार ने बहादुरी दिखाते हुए शिकारियों का पीछा किया। इसी दौरान मौके पर पहुंचे अन्य वनकर्मियों की मदद से दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया।

चुंगरु गांव में छापेमारी

गिरफ्तार दोनों शिकारियों की निशानदेही पर PTR टीम ने बेतला नेशनल पार्क के चुंगरु गांव में छापेमारी की। यहां से दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से भी दो देसी बंदूकें बरामद की गईं। मौके से हिरण के सींग, बारूद और शिकार करने वाले फंदे भी मिले।

आरोपियों की पहचान और नेटवर्क का खुलासा

पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चुंगरु गांव के रहने वाले लोधा मुंडा, लखन परहिया, सोम मुंडा और बलराम परहिया के रूप में हुई है। जांच में सामने आया है कि ये सभी हिरण और चीतल का शिकार कर उनके मांस की अवैध बिक्री करते थे। साथ ही, यह गिरोह एक बड़े शिकार नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जिसके तार दूसरे इलाकों तक फैले होने की आशंका है।

वन विभाग की सख्ती

उपनिदेशक जेना ने कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए PTR की टीम लगातार निगरानी कर रही है। आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।