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झारखंड विधानसभा में पांच अहम विधेयक पारित, अब कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार सीएम को

On: August 26, 2025 9:11 PM
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रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को राज्य सरकार ने शिक्षा, उद्योग और श्रमिक कल्याण से जुड़े पांच महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए। इन विधेयकों का सीधा असर छात्रों, अभिभावकों, उद्यमियों और गिग इकॉनमी से जुड़े लाखों श्रमिकों पर पड़ेगा।

1. झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025

इस विधेयक को सबसे अहम और चर्चित माना जा रहा है। अब राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति, प्रति कुलपति, परीक्षा नियंत्रक और वित्तीय सलाहकार की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल के बजाय मुख्यमंत्री को होगा। इसके लिए एक चयन समिति बनाई जाएगी, जिसमें शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का प्रतिनिधि तथा विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे। सरकार का कहना है कि इससे उच्च शिक्षा संस्थानों की नियुक्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

2. झारखंड कोचिंग संस्थान नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025

कोचिंग संस्थानों में बढ़ती अव्यवस्था, मनमानी फीस और छात्रों की मानसिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह कानून लाया गया है।

50 से अधिक छात्रों वाले सभी कोचिंग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।

1000 से अधिक छात्रों वाले संस्थानों को एक मनोवैज्ञानिक नियुक्त करना होगा।

फीस नियंत्रण और छात्रों की सुरक्षा पर भी सरकार निगरानी रखेगी।


3. झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क विनियमन विधेयक 2025

निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में मेडिकल, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट जैसे कोर्स की फीस अब मनमाने ढंग से नहीं बढ़ाई जा सकेगी।

इसके लिए एक शुल्क नियामक समिति गठित की जाएगी।

समिति फीस को तार्किक, पारदर्शी और सभी वर्गों के लिए समान बनाएगी।


4. झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) विशेष छूट विधेयक 2025

राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने MSME को बड़ा लाभ दिया है।

नए उद्योग लगाने वालों को तीन साल तक न तो लाइसेंस लेना होगा, न टैक्स देना होगा।

इस दौरान उद्यमी केवल प्लांट लगाने और कारोबार बढ़ाने पर ध्यान देंगे।

सरकार का मानना है कि इससे झारखंड में उद्योग और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।


5. झारखंड प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक निबंधन एवं कल्याण विधेयक 2025

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले श्रमिकों (जैसे फूड डिलीवरी एजेंट, कैब ड्राइवर, कुरियर बॉय) के लिए यह कानून राहत लेकर आया है। सभी गिग वर्कर्स का राज्य सरकार पंजीकरण करेगी। उन्हें बीमा, दुर्घटना राहत और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। सरकार का कहना है कि यह कदम गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा।

सरकार का दावा

राज्य सरकार का कहना है कि इन विधेयकों के लागू होने से शिक्षा व्यवस्था में सुधार, कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण, उच्च शिक्षा की फीस में पारदर्शिता, उद्योगों को बढ़ावा, और गिग वर्कर्स को सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

विपक्ष ने इन विधेयकों पर अपनी आपत्तियां जताई हैं, खासकर विश्वविद्यालय विधेयक को लेकर। विपक्ष का कहना है कि इससे राज्यपाल की भूमिका कमजोर होगी और राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ सकता है।

फिलहाल, इन विधेयकों के पारित होने से झारखंड में शिक्षा और उद्योग से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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