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होमवर्क न करने पर छात्रों को कड़ाके की ठंड में उतरवा दिए कपड़े, प्रिंसिपल और गार्ड सस्पेंड; स्कूल पर एक लाख रुपये का जुर्माना

On: December 27, 2025 9:58 PM
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सीहोर: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के जताखेड़ा गांव स्थित सेंट एंजेल स्कूल से सामने आए अमानवीय व्यवहार के आरोपों ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया है। आरोप है कि स्कूल में होमवर्क नहीं करने पर मासूम बच्चों को कड़ाके की ठंड में कपड़े उतरवाकर खड़ा किया गया। इतना ही नहीं, बच्चों से बाथरूम साफ कराने, झाड़ू लगवाने और अन्य श्रम कार्य भी कराए जाने की शिकायत सामने आई है।


मामला तब और गंभीर हो गया जब बच्चों की अर्धनग्न अवस्था की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। तस्वीरें सामने आते ही ग्रामीणों, अभिभावकों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग स्कूल परिसर में एकत्र हो गए और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया।


बच्चों ने कैमरे पर बयां की आपबीती


स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने खुद कैमरे पर आकर खुलासा किया कि उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। बच्चों का आरोप है कि उनसे मैदान की सफाई, पेड़-पौधों में पानी देना और झाड़ू लगवाने जैसे काम कराए जाते थे।


इतना ही नहीं, बच्चों ने यह भी बताया कि उन्हें हाथ में कलावा बांधने और माथे पर तिलक लगाने से रोका जाता था।


टीचरों पर गंभीर आरोप


आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल समरीन खान और शिक्षक शिबू खान ने बच्चों के कपड़े उतरवाकर उन्हें अर्धनग्न हालत में अलग-अलग कक्षाओं में घुमाया और ‘मुर्गा’ जैसी सजा भी दी। अभिभावकों का कहना है कि वे लंबे समय से इसकी शिकायत कर रहे थे, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने कभी ध्यान नहीं दिया।


हंगामे के बाद प्रशासन हरकत में


मामले की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों से अलग-अलग बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। जांच के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल की प्रिंसिपल और गार्ड को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। साथ ही स्कूल प्रबंधन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है


पुलिस जांच शुरू


इधर मंडी थाना पुलिस ने शिक्षकों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। हालात की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई थी कि लाठीचार्ज की नौबत आ गई, हालांकि पुलिस और प्रशासन की तत्परता से भीड़ को नियंत्रित कर लिया गया।


कड़ी कार्रवाई की मांग


ग्रामीणों और अभिभावकों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों के भविष्य और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती हैं और ऐसे स्कूलों पर कड़ी निगरानी जरूरी है।


फिलहाल प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा मामले की विस्तृत जांच जारी है और आगे और कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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