गढ़वा: सोमवार को जिला समाहरणालय परिसर स्थित बिरसा मुंडा पार्क में आदिवासी समाज के महानायक, जल-जंगल-जमीन के लिए संघर्ष करने वाले महान क्रांतिकारी धरती आबा बिरसा मुंडा की 124वीं पुण्यतिथि श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन केवल अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह नहीं था, बल्कि यह एक चेतना और क्रांति थी, जिसने आदिवासी समाज को जागरूकता और अधिकारों के प्रति सजग किया।
उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने अल्पायु में ही यह साबित कर दिया कि संघर्ष की ताकत संकल्प में होती है, उम्र में नहीं। अंग्रेजी सरकार ने उनसे भयभीत होकर 500 रुपये का इनाम घोषित किया था और अंततः उन्हें रांची जेल में कैद कर दिया गया, जहां रहस्यमयी परिस्थिति में उनकी मृत्यु हुई।
पूर्व मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए कृतसंकल्पित है। वनाधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर सरकार प्राथमिकता से कार्य कर रही है। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2029 तक झारखंड एक नए रूप में नजर आएगा, जो विकास और सामाजिक न्याय का प्रतीक होगा।
अंत में विधायक ने कहा— बिरसा मुंडा केवल आदिवासी समाज के नहीं, बल्कि पूरे देश के प्रेरणास्त्रोत हैं। उनके विचारों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर अगली पीढ़ी को उनके संघर्ष से परिचित कराना जरूरी है।
कार्यक्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता, पदाधिकारी और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। सभी ने बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित
पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, जिला अध्यक्ष शम्भू राम, जिला सचिव शरीफ अंसारी, केन्द्रीय समिति सदस्य तनवीर आलम खान, मनोज ठाकुर, जिला कोषाध्यक्ष चन्दन जायसवाल, रेखा चौबे, अराधना सिंह, परेश तिवारी, कंचन साहू, संजय चौधरी, केश्वर भुईयां, रसीद अंसारी, राजेश गुप्ता, सुनिल गौतम, नीलू खान, भोलू, साबीर, बब्लू दुबे, लक्ष्मी विश्वकर्मा, सरफराज खान समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता आदि मौजूद थे।