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पंजाब के पूर्व IG ने खुद को मारी गोली, 12 पन्नों के सुसाइड नोट में 8.10 करोड़ की साइबर ठगी का जिक्र

On: December 23, 2025 11:41 AM
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पटियाला: पंजाब के पटियाला से एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पंजाब पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) अमर सिंह चहल ने सोमवार को अपने आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मी की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। गोली उनके सीने में लगी, जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए। परिजन और स्टाफ की मदद से उन्हें पटियाला–राजपुरा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।


घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई। प्रारंभिक जांच के दौरान घर से 12 पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसे मुख्य रूप से पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के नाम संबोधित बताया जा रहा है। इस नोट में पूर्व आईजी ने अपने साथ हुई कथित साइबर ठगी और उससे उपजे मानसिक तनाव का विस्तार से उल्लेख किया है।


सुसाइड नोट के अनुसार अमर सिंह चहल एक संगठित साइबर ठग गिरोह के झांसे में आ गए थे, जो खुद को डीबीएस नामक संस्था से जुड़ा बताकर निवेश पर भारी मुनाफे का लालच दे रहा था। उन्होंने लिखा है कि करीब दो महीने से अधिक समय तक उन्हें लगातार भरोसे में लिया गया और इसी दौरान उनसे कुल 8.10 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई। इस रकम में से लगभग 7.5 करोड़ रुपये उन्होंने दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार लिए थे। अमर सिंह के दोस्तों का कहना है कि उनके साथ इस तरह की ठगी हुई है इसकी किसी को जानकारी नहीं थी। अमर सिंह के सुसाइड नोट की मानें तो उनके साथ निवेश के पैसे निकालने की कोशिश के बाद उगाही शुरू हुई। 5 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश की तो उससे 1.5% सर्विस फीस और 3% टैक्स के नाम पर 2.25 करोड़ रुपए वसूल लिए गए। इसके बाद भी पैसे नहीं दिए गए और दोबारा 2 करोड़ रुपए लिए। इसके बाद 20 लाख रुपए प्रीमियम मेंबरशिप फीस के नाम पर मांगे गए। पूर्व आईजी के साथ ठगी के बारे में ना तो उनकी करीबियों को पता था ना ही उनके पड़ोसियों को। यहां तक कि उनके परिवारवालों को ठगी की कोई जानकारी नहीं थी।


नोट में चहल ने गहरे आर्थिक संकट और मानसिक दबाव का जिक्र करते हुए लिखा है कि वह सार्वजनिक रूप से चेहरा दिखाने की स्थिति में नहीं रह गए हैं और खुद को पूरी तरह टूट चुका महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि ठगी करने वाले अपराधियों को पकड़ा जा सके और उनसे ठगी गई रकम की रिकवरी हो सके।


पूर्व आईजी ने सुसाइड नोट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी संबोधित किया है। उन्होंने अपील की है कि ऐसे साइबर ठग गिरोहों और फर्जी वेबसाइटों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और व्यक्ति इस तरह के जाल में न फंसे। साथ ही उन्होंने डीजीपी गौरव यादव से विशेष रूप से अनुरोध किया है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर उनके परिवार को आर्थिक न्याय दिलाया जाए।

फिलहाल पुलिस सुसाइड नोट की सत्यता, ठगी के लेनदेन और संदिग्ध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की गहन जांच में जुटी है। यह मामला न सिर्फ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की व्यक्तिगत त्रासदी को उजागर करता है, बल्कि साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे और उनके गंभीर सामाजिक-मानसिक प्रभावों पर भी सवाल खड़े करता है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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