मदन साहु
सिसई (गुमला): चार दिनों तक चलने वाली सूर्योपासना एवं लोक आस्था का महापर्व छठ का आज प्रातः उदयीमान भगवान् भास्कर (सूर्य)को छठ वर्तियों के द्वारा अर्ध्य दिया गया। पूजा अर्चना एवं हवन के साथ महापर्व का समापन हुआ। सूर्योपासना का ये महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान 5 नवंबर दिन मंगलवार से नहाय खाय के साथ शुरू हुआ। दूसरे दिन खरना का महाप्रसाद ग्रहण कर छठवर्ति 36 घंटे के उपवास रखते हुए। तीसरे दिन अस्तचलगामी भगवान् भास्कर (सूर्य) को प्रथम अर्ध्य दिये। तथा चौथे दिन सिसई नागफेनी कोयल नदी, सिसई बसिया रोड परास नदी, सिसई के कुदरा छठ तालाब, एवं सिसई प्रखंड के विभिन्न जलाशयों में हज़ारों की संख्या में छठवर्ति प्रातः उदयीमान भगवान् सूर्य को अर्ध्य दिये। इस महापर्व को सफल बनाने में सभी छठ घाटों पर समाज सेवी लगे थे।

भदौली कुदरा दुर्गा पूजा समिति छठ तालाब कुदरा में अध्यक्ष- विक्रांत सिंह, उपाध्यक्ष- गौतम ताम्रकर, संरक्षक – मुकेश ताम्रकर, उमेश यादव,निरंजन सिंह, छोटेलाल ताम्रकर, पुरन साहू, तारक केशरी, प्रभात साहू, कमला पंसारी, ज्योति रंजन सिंह, छोटू ताम्रकर, विकास साहू, गोपाल ताम्रकर, नीरज अधिकारी, पंकज महतो एवं समस्त पूजा समिति के सदस्यों का बड़ा योगदान रहा। वहीं पारस नदी छठ घाटों पर समाज सेवी बलदेव साहु,पंकज साहु,आदि अनेकों समाज सेवी लगे रहे।

छठ पूजा समिति नागफेनी के द्वारा कोयल नदी तट पर छठ घाटों की भव्यता देखते ही बनता था। छठ घाटों पर भव्य सूर्य मंदिर का निर्माण तीन वर्ष पूर्व कराया गया है। इसकी भूमि पूजन पांच वर्ष पूर्व ही कराया गया था। जिसके संस्थापक राजेश अग्रवाल गुमला, और नागफेनी के महाबीर साहू, बसंत साहू, सत्यनारायण साहू, प्रेम साहू, अनिल पंडा जैसे समाज सेवी से सम्भव हो पाया है। छठ पूजा समिति के द्वारा नागफेनी कोयल नदी में पिछले 20 वर्षों से छठ पूजा होते आ रहा है। हर वर्ष हजारों कि संख्या में छठ व्रतियों का आना जाना लगा रहता है। जिसे सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में छठ पूजा समिति नागफेनी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
