Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा आज, जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान: सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करें। अगर गंगा नदी तक नहीं जा पाएं तो घर पर ही गंगा जल से स्नान करें। स्नान करते समय मां गंगा का ध्यान करें और अपने पापों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
एक बार महाराज सगर ने व्यापक यज्ञ किया। उस यज्ञ की रक्षा का भार उनके पौत्र अंशुमान ने संभाला। इंद्र ने सगर के यज्ञीय अश्व का अपहरण कर लिया। यह यज्ञ के लिए विघ्न था। परिणामतः अंशुमान ने सगर की साठ हजार प्रजा लेकर अश्व को खोजना शुरू कर दिया। सारा भूमंडल खोज लिया पर अश्व नहीं मिला।
महर्षि कपिल की समाधि टूट गई। ज्यों ही महर्षि ने अपने आग्नेय नेत्र खोले, त्यों ही सारी प्रजा भस्म हो गई। इन मृत लोगों के उद्धार के लिए ही महाराज दिलीप के पुत्र भगीरथ ने कठोर तप किया था। भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने उनसे वर मांगने को कहा तो भगीरथ ने ‘गंगा’ की मांग की।
- Advertisement -