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Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा आज, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

On: June 5, 2025 3:31 AM
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Ganga Dussehra 2025: आज देशभर में गंगा दशहरा का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। ये पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में, विशेषकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार,और पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 4 जून की रात से प्रारंभ होकर 5 जून को देर रात समाप्त होगी। उदय तिथि मान्य होने के कारण गंगा दशहरा 5 जून को मनाया जाएगा। आज, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। पुराणों की कथाओं के अनुसार, इसी तिथि पर मां गंगा स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, जिससे यह दिन महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है।

गंगा स्नान और दान का शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान- 5 जून को सुबह 4:07 बजे तक

सिद्धि योग- 5 जून को सुबह 9:14 बजे तक, जो गंगा स्नान व दान के लिए विशेष शुभ माना गया है।

रवि योग- 5 जून को पूरे दिन रहेगा, जो दिनभर के कार्यों को शुभ फलदायी बनाता है।

पूजा विधि

पुराणों में गंगा दशहरा के दिन देवी गंगा की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा की आराधना से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इसलिए, आज के दिन गंगा पूजन करते समय “ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः” मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना गया है। इसके अलावा भगवान भोलेनाथ की भी पूजा-अर्चना करने का विधान है, जिससे भगवान शिव और विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

इन चीजों का करें दान

शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरे के दिन दान करने से अक्षय पुण्य का फल प्राप्त होता है। इस दिन जल, अन्न, फल, घी, नमक, तेल, शकर, वस्त्र, पूजन व सुहाग सामग्री और स्वर्ण का दान कर सकते हैं। मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन 10 चीजों का दान करने से जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती है। इस दिन शरबत पिलाया जाता है और इससे पुण्य मिलता है। इस दिन पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, तरबूज, आम और चीनी आदि का भी दान किया जाता है।

महत्व

धर्माचार्यों के अनुसार गंगा मां जिस दिन धरती लोक पर अवतरित हुई उस दिन एक साथ दस शुभ योग बने थे। माना जाता है कि गंगा दशहरा के दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान करता है वो दस प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है। ये पाप हैं परस्त्री गमन, हिंसा, असत् भाषण, चोरी, चुगली करना, सम्पत्ति हड़पना, दूसरों को हानि पहुंचाना, किसी की बुराई करना, गाली देना तथा झूठा आरोप लगाना आदि। गंगा दशहरा के दिन स्नान के बाद यथाशक्ति दान अवश्य करना चाहिए,गंगा स्नान तभी पूर्ण माना जाता है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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