जमशेदपुर :गायत्री परिवार टाटानगर का युवा प्रकोष्ठ नवयुगदल और प्रज्ञा महिला मण्डल के द्वारा जमशेदपुर और उसके आसपास के एरिया में 24 स्थानों पर 9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ श्रृंखला चल रही है और भक्तों के द्वारा 1008 दीप प्रज्वलित कर विश्व कल्याण हेतु आहुतियां समर्पित की जा रही है।
इसी कड़ी में शनिवार को परसुडीह थाना क्षेत्र श्रीराम मंदिर परिसर मकदमपुर परसुडीह में 9 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ अपार जन समूह के बीच संपन्न हुआ । यज्ञ में लगभग 500 धर्म प्रेमी श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण हेतु यज्ञ भगवान को अपनी आहुतियां समर्पित किये ।
यज्ञ का संचालन बहन जसवीर कौर और उनके बहनो द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप हैं विश्व हिंदू परिषद के विभागीय संयोजक श्री जनार्दन पांडे जी और समाज सेवी श्री अर्जुन यादव
जी उपस्थित रहे ।
साथ ही साथ संध्या 5:00 बजे से विराट दीप महायज्ञ का आयोजन भी किया गया। जिसमें धरा से अंधकार का समूल नाश हो ऐसी भावनाओं के साथ 1008 दीपक प्रज्वलित किया गया ।संध्याकांलिन दीप महायज्ञ का संचालन टोली नायक श्री भुवनेश्वर शास्त्री जी और प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ के सदश्य श्री वीर जवाहर जी, नीरज जी के द्वारा किया गया ।
इस कार्यक्रम में स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ जमशेदपुर के कोने-कोने से अनेक लोग हर्षोल्लास के साथ सम्मिलित हुए ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम के सूत्रधार श्री शम्भूनाथ दुबे, सतीश पाल,सारन्धा देवी,गिरीजा देवी कर साथ- साथ नवयुगदल के सभी युवा कार्यकर्ताओं ने अपना योगदान दिया।
नवयुग दल युवा प्रकोष्ठ तथा प्रज्ञा महिला मंडल गायत्री परिवार टाटानगर द्वारा 24 स्थानों पर संकल्पित 9 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ अभियान के अंतर्गत मानगो मून सिटी में एक दिवसीय 9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ ।
शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि के रूप में युग ऋषि के मानस पुत्रों श्री भुनेश्वर शास्त्री जी ,श्री वीर जवाहर जी एवम श्री नीरज विश्वकर्मा जी ने वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी के उद्घोष वाक्य मनुष्य में देवत्व तथा धरती पर स्वर्ग का अवतरण के तत्वबोध से सभी उपस्थित श्रद्धालुओं का ज्ञानवर्धन किए ।
आज प्रातः कालीन सत्र में हवन यज्ञ को संपन्न कराते हुए गायत्री एवम यज्ञ के महत्व को बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में यज्ञ को पिता तथा गायत्री को माता की संज्ञा दी गई है । गौ ,गंगा गुरु ,,गीता एवम गायत्री को भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्रों में जितना गायत्री के विषय में कहा एवम लिखा गया है ।उतना अन्य किसी विषय में वर्णन नहीं है।
।यज्ञ के विषय में सतपथ ब्राह्मण ग्रन्थ में यज्ञ को सर्वश्रेष्ठ कर्म बताया गया है ।हमने यज्ञ और गायत्री से अपने को दूर कर लिया है इसलिए नाना प्रकार की विसंगतियां हमें समाज में दिखाई दे रही है । हमें पुनः वापस गायत्री एवम यज्ञ को पुनर्स्थापित करना होगा ,इसके लिए गायत्री परिवार पूरे विश्व के कोने कोने में राष्ट्र जागरण का अभियान चला रहा है ।
सांयकालीन सत्र में 1008 दीपों को प्रज्वलित के दीप यज्ञ संपन्न किया गया।
आयोजन को सफल बनाने में श्रीमति रेखा शर्मा,अंजू
ठाकुर,मंजू उपाध्याय, मीता घोष,गरिमा देवी,गीता भगत,सुशील उपाध्याय, महेश शर्मा,प्रहलाद घोष के साथ महिला मंडल मानगो और नावयुगदल के युवाओं का सराहनीय योगदान रहा ।