जमशेदपुर: घाटशिला उपचुनाव के पूर्व कुर्मियों ने यह कहते हुए वोट बहिष्कार की धमकी दे दी है कि यदि 15 दिन के अंदर केंद्र राज्य सरकार उनकी तीन सूत्री मांगों पर बात नहीं करती है।तो वे वोट का बहिष्कार करेंगे।
कुड़मी आंदोलनकारी अमित महतो ने कहा कि इस बार घाटशिला के प्रत्याशियों को वोट बटोरने में पसीना छूटेगा, क्योंकि कुड़मी समाज की 30 से 40 हजार आबादी वोट नहीं डालेगी. यह फैसला समाज के हक और अधिकार के लिए लिया गया है.
अमित महतो ने कहा कि अगर 15 दिनों के भीतर सरकार तीन मांगों पर बातचीत शुरू करती है तो हम वोट बहिष्कार पर पुनर्विचार करेंगे. तीन मांगों को लेकर साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि समाज का हर व्यक्ति अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो.
कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.
कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में दर्ज किया जाए.
सरना धर्म को सरकारी मान्यता दी जाए.
अब तक 93 गांवों में अभियान चलाया जा चुका है. 26 अक्टूबर को घाटशिला में कुड़मी समुदाय की बड़ी बैठक बुलाई गई है. इसमे कुड़मी समाज के नेता जुटेंगे और सरकार से अपनी मांग को पूरा करने के लिए स्पष्ट करेंगे.










