पणजी: गोवा के वरिष्ठ नेता और राज्य के कृषि मंत्री रवि नाइक का मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 79 वर्षीय नाइक को पणजी से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित उनके गृहनगर पोंडा में अचानक सीने में दर्द महसूस हुआ, जिसके बाद उन्हें पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान रात करीब 1 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उनके निधन की खबर से पूरे गोवा में शोक की लहर दौड़ गई। नाइक के पार्थिव शरीर को पोंडा के खड़पाबंध स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां हजारों की संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उनका अंतिम संस्कार बुधवार दोपहर 3 बजे किया जाएगा। वे अपने पीछे पत्नी, दो बेटे, एक बहू और तीन पोते-पोतियों को छोड़ गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवि नाइक के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “रवि नाइक जी एक अनुभवी प्रशासक और समर्पित लोक सेवक थे, जिन्होंने गोवा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे विशेष रूप से वंचितों और हाशिए पर रहने वाले वर्गों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध थे। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।”
राजनीति में चार दशक का लंबा सफर
रवि नाइक का राजनीतिक करियर चार दशकों से अधिक का रहा। वे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), कांग्रेस और बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जुड़े रहे।
वे सात बार विधायक चुने गए — छह बार पोंडा विधानसभा क्षेत्र से और एक बार मरकाइम से।
1984 में उन्होंने पहली बार एमजीपी के टिकट पर पोंडा से चुनाव जीता।
1989 में मरकाइम क्षेत्र से एमजीपी प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए।
इसके बाद 1999, 2002, 2007 और 2017 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पोंडा से लगातार चुनाव जीते।
2022 में भाजपा के टिकट पर फिर से विधायक बने।
दो बार संभाली मुख्यमंत्री की कमान
रवि नाइक ने जनवरी 1991 से मई 1993 तक गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्होंने उस समय प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चे (PDM) की गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने कृषि, शिक्षा और ग्रामीण विकास को नई दिशा देने की कोशिश की थी।
गोवा के लिए उनकी पहचान
रवि नाइक को गोवा की राजनीति में “जनता के नेता” के रूप में जाना जाता था। वे हमेशा किसानों, छोटे व्यवसायियों और युवाओं की आवाज बने रहे। उनके योगदान को राज्य की राजनीति में लंबे समय तक याद किया जाएगा।












