एजेंसी: Google का नया Gemini Nano Banana Pro मॉडल लॉन्च होते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। मॉडल की 4K इमेज जनरेशन, हाई कैरेक्टर कंसिस्टेंसी, एडवांस एडिटिंग फीचर्स और Google सर्च इंटीग्रेशन को लेकर इसे काफी सराहना मिल रही है। कई क्रिएटर्स इस टूल का उपयोग स्टाइलिश पोर्ट्रेट, AI-इंफोग्राफिक्स और टेक्स्ट डॉक्यूमेंट्स को व्हाइटबोर्ड सारांश में कन्वर्ट करने के लिए कर रहे हैं।
लेकिन इन खूबियों के बीच अब एक चिंताजनक खामी भी सामने आई है, जो सीधे तौर पर प्राइवेसी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हो सकती है।
कई यूजर्स ने दावा किया है कि Gemini Nano Banana Pro इतनी रियलिस्टिक इमेज बना सकता है कि कोई भी व्यक्ति इसे फर्जी सरकारी पहचान पत्र, जैसे Aadhaar कार्ड, PAN कार्ड तैयार करने में इस्तेमाल कर सकता है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब मॉडल को एक रियल-लाइफ फोटो और नकली डिटेल दी गईं, तो उसने बिना किसी चेतावनी या सुरक्षा प्रॉम्प्ट के पूरी तरह ‘रियलिस्टिक’ ID कार्ड जनरेट कर दिया।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यदि यूजर चाहे तो AI से उसमें नाम, पता, जन्मतिथि या फोटो तक एडिट करवाना भी बेहद आसान था।
Google का वाटरमार्क हटाना भी मुश्किल नहीं
Google ने इन जनरेटेड इमेजेज में एक दृश्यमान Gemini वॉटरमार्क और एक अदृश्य SynthID डिजिटल वॉटरमार्क जोड़ा हुआ है ताकि AI-Generated कंटेंट और असली दस्तावेजों में फर्क पहचाना जा सके। लेकिन विज़िबल वॉटरमार्क को हटाना तकनीकी रूप से ज्यादा कठिन नहीं है और SynthID अभी तक सार्वजनिक स्तर पर पहचानने वाले टूल्स में सीमित है। यानि विवेकहीन उपयोग की स्थिति में ये फॉर्मेट वास्तविक ID दस्तावेज जैसा दिखाई दे सकता है।
यूजर्स बोले- सेफ्टी में इतनी बड़ी कमी कैसे रह गई?
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने सवाल उठाए हैं कि जब मॉडल कई बार sexual content, violence, sensitive topics जैसी डिमांड आने पर इमेज जनरेट करने से मना कर देता है, तो फिर फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाने जैसी गंभीर चीज पर रोक क्यों नहीं लगाई गई?
साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह चूक AI मॉडल की सबसे बेसिक सिक्योरिटी लेयर में कमी को दर्शाती है।
AI-Generated Fake IDs: क्यों है बड़ा खतरा?
फर्जी Aadhaar और PAN कार्ड बनना सिर्फ प्राइवेसी का मुद्दा नहीं है, बल्कि इससे आर्थिक धोखाधड़ी, KYC फ्रॉड, ऑनलाइन लोन स्कैम, सिम कार्ड वेरिफिकेशन में घोटाला, अवैध गतिविधियों में नकली पहचान का उपयोग जैसे कई बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं।
भारतीय साइबर एक्सपर्ट्स ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि इतनी रियलिस्टिक AI-इमेजेज यदि प्रिंट होकर किसी जगह दिखा दी जाएं, तो पहली नजर में असली-नकली का फर्क करना बेहद मुश्किल है।
Google की चुप्पी, और अगला कदम क्या होगा?
लिखे जाने तक Google की तरफ से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि कंपनी जल्द ही ID डॉक्यूमेंट जनरेशन पर सख्त फिल्टर, रीयल-टाइम फ्रॉड डिटेक्शन, कानूनी दस्तावेजों की इमेज बनाने पर प्रतिबंध जैसे सुरक्षा अपडेट जारी कर सकती है।
Gemini Nano Banana Pro जितना एडवांस्ड और क्रिएटिव दिख रहा है, उतना ही यह गंभीर दुरुपयोग की संभावनाएं भी खड़ा कर रहा है। AI-जनरेटेड फर्जी पहचान पत्रों का बन जाना उन चुनौतियों में से है जिनके लिए टेक कंपनियों को जल्द कदम उठाना होगा क्योंकि यह सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि सुरक्षा और विश्वास से जुड़ा मामला है।
फर्जी आधार और पैन कार्ड बना रहा Google का Nano Banana Pro, ठगी का खतरा बढ़ा












