रांची: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) द्वारा आयोजित ‘नेशनल पीआर कॉनक्लेव–2025’ का आज भव्य उद्घाटन सीसीएल मुख्यालय स्थित गंगोत्री कन्वेंशन सेंटर, रांची में हुआ। दो दिवसीय इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन ने जनसंपर्क की दुनिया में संवाद, विश्वास और नवीन सोच के संगम की एक नई मिसाल पेश की है।
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के निदेशक (मानव संसाधन) श्री विनय रंजन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रसिद्ध एड गुरु व फिल्म निर्माता श्री प्रह्लाद कक्कड़, वरिष्ठ पत्रकार और पद्मश्री सम्मानित श्री बलबीर दत्त, सीसीएल के सीएमडी श्री निलेंदु कुमार सिंह, ईसीएल के सीएमडी श्री सतीश झा, इंडियन हैबिटेट सेंटर के निदेशक श्री के.जी. सुरेश, IIMC की प्रो. डॉ सुरभि दहिया, केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के प्रो. देव व्रत सिंह सहित कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी, जनसंपर्क विशेषज्ञ, मीडिया प्रतिनिधि और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुए।

उद्घाटन समारोह की झलकियां
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत, दीप प्रज्वलन और कोल इंडिया के कॉर्पोरेट गीत के साथ हुई। इसके पश्चात बच्चों द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई। सीसी एवं पीआर विभाग द्वारा जनसंपर्क की बदलती भूमिका पर तैयार लघु फिल्म “खामोश” का प्रदर्शन भी विशेष आकर्षण रहा।
विचारों का मंच, संवाद की दिशा
मुख्य अतिथि श्री विनय रंजन ने अपने संबोधन में कहा,
“यह कॉनक्लेव केवल सीसीएल के लिए नहीं, बल्कि पूरे कोल इंडिया परिवार के लिए गर्व की बात है। नकारात्मकता का उत्तर सकारात्मकता से देना हमारी रणनीति होनी चाहिए।” उन्होंने झारखंड सरकार और सीसीएल की संयुक्त पहल JSSSP का उल्लेख करते हुए, सामुदायिक संवाद की भूमिका को रेखांकित किया।
ईसीएल के सीएमडी श्री सतीश झा ने कहा, “पीआर और विज्ञापन में मूलभूत अंतर है। आज पीआर केवल छवि निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थायी विश्वास और उद्देश्यपूर्ण संवाद का माध्यम बन चुका है।”
सीसीएल के सीएमडी श्री निलेंदु कुमार सिंह ने कहा, “हमारी सफलता का आधार साझेदारी और प्रभावी संवाद है। एआई के युग में पारदर्शी और सटीक संचार अत्यंत आवश्यक है।”
विज्ञापन जगत के दिग्गज श्री प्रह्लाद कक्कड़ ने कहा, “डर के आगे जीत है – यह सिर्फ विज्ञापन नहीं, जीवन का मंत्र होना चाहिए। जनसंपर्क एक पुल है जो संस्था और जनता के बीच विश्वास कायम करता है। युवा शक्ति को पहचानना और उन्हें निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना आज के दौर की जरूरत है।”
श्री के. जी. सुरेश ने आधुनिक पीआर में तेज़, संवेदनशील और तथ्यपूर्ण प्रतिक्रिया की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए रचनात्मक कहानियों की महत्ता पर जोर दिया।
प्रो. डॉ सुरभि दहिया ने पीआर प्रोफेशनल्स के लिए टारगेट ऑडियंस की समझ और इंडस्ट्री नेटवर्किंग को महत्वपूर्ण बताया। वहीं, प्रो. देव व्रत सिंह ने संचार क्षेत्र में छात्रों के लिए उपलब्ध संभावनाओं और चुनौतियों पर विचार साझा किया।
सीसी एवं पीआर विभाग के प्रमुख श्री आलोक कुमार गुप्ता ने कहा, “यह कॉनक्लेव विचारों का संगम बना है और जनसंपर्क की दिशा में एक नए दृष्टिकोण का सूत्रपात कर रहा है।”
शिक्षा और युवा सहभागिता
इस आयोजन में रांची के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों के शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उन्होंने इसे एक शिक्षाप्रद अनुभव बताया और कहा कि इस कॉनक्लेव से उन्हें आधुनिक पीआर की बारीकियों को जानने और समझने का अवसर मिला।
नवाचार और डिजिटल युग में पीआर की नई परिभाषा
कॉनक्लेव का थीम “Redefining PR :: From Information to Engagement in the Era of Digitilization” है, जो दर्शाता है कि अब पीआर केवल सूचना के आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गहरे जुड़ाव और सहभागिता का माध्यम बन गया है।













