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मदन साहु

सिसई (गुमला): प्रखंड के रणजीत नारायण सिंह सरस्वती विद्या मंदिर , कुदरा, सिसई में मातृ – सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य श्री देवेन्द्र वर्मा की अगुआई में आश्रम विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्या श्रीमती उषा सिंह तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के कोषाध्यक्ष श्री अश्विनी कुमार देवघरिया जी के द्वारा दीप-प्रज्वलित कर तथा वंदना के साथ शुरू किया गया।

अखिल भारतीय विद्या विकास समिति के विधान के अनुसार कार्यक्रम का आरंभ  प्रधानाचार्य श्री देवेन्द्र वर्मा ने  ‘या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता’ के मंत्रोच्चार के साथ अतिथि परिचय कराया गया। तत्पश्चात प्रबधन समिति के कोषाध्यक्ष श्री अश्विनी कुमार देवघरिया जी ने मुख्य अतिथि श्रीमती उषा सिंह तथा अभिभाविका प्रमुख श्रीमती किरण देवी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किये गए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी माताओं का स्वागत कक्षा सप्तम की बहन सुश्री दीप्ति पाण्डा ने आकर्षक स्वागत नृत्य के साथ भक्ति भाव से किया गया। कार्यक्रम की उद्घोषिका श्रीमती ममता कुमारी ने कार्यक्रम की भूमिका देने के लिए वरिष्ठ आचार्या श्रीमती कौशल्या देवी को आमंत्रित किया। श्रीमती कौशल्या देवी ने नारी शक्ति का आह्वान करते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें उतत्साहित किये। तथा इस तरह के कार्यक्रम की आवश्यकता का महत्व बतलायीं। माताएं अपने बच्चों के लिए कैसे और क्या क्या कर सकतीं हैं। पूरे विधान के साथ समझते हुए बताया कि माता बच्चे का निर्माता होती हैं। वह अपने बच्चे को जो चाहे बना सकती है। माता पिता बच्चे के पहले शिक्षक होते हैं। माता पिता ही अपने बच्चे को शिष्टाचार और अपने संस्कृती की पहचान कराते हैं।


विशिष्ठ अतिथि के रूप में गुमला विद्यालय के विभाग प्रचारक श्री शम्मी जी,और गुमला विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष त्रिभुवन शर्मा जी मंचासीन् थे। कक्षा अष्टम के भैया गौरव ने अपने नृत्य से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । तत्पश्चात् शिशु मंदिर की नन्हीं मुन्नी बच्चियों ने एक आकर्षक सामुहिक नृत्य प्रस्तुत किया। उद्घोषिका श्रीमती ममता कुमारी ने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती उषा सिंह जी को अपने श्रीवचनों के लिए मंच पर आमंत्रित किया। उन्होंने ‘ बड़े भाग मानुष तन पायो ‘ की उक्ति के साथ अपनी बातों का शुभारंभ किया । उन्होंने कहा कि बच्चों में भावुकता तथा मानवता एक मां ही दे सकती है । उन्होंने माताओं से बच्चों के दैनिक  आचार व्यवहार पर ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया। उनकी यह उक्ति कि ” जैसी माता होती है, वैसी ही संतान होती है” बहुत ही सराही गई।


कार्यक्रम उद्घोषिका श्रीमती ममता कुमारी ने माताओं को अपने विचार मंच के माध्यम से साझा करने के लिए आमंत्रित की।


तत्पश्चात बहन शिल्पा , खुशी व बहन रितिका के एक सामुहिक गीत ने माताओं को भाव विभोर कर दिया। शिशु मंदिर के छोटे छोटे भईया बहनों ने नृत्य कर सबों का मन मोह लिया एवं अष्टम के भैया गौरव व उनके साथियों ने एक उत्कृष्ट गीत प्रस्तुत किया।


कार्यक्रम उद्घोषिका श्रीमती ममता कुमारी ने विशिष्ट अतिथि श्री शम्मी जी को संबोधन हेतु मंच पर आमंत्रित किया। उन्होंने माताओं का सम्मेलन में आना एक उत्सव कहा।और उन्होनें आगे कहा कि मतदान एक महापर्व है।और हमें राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए मतदान करना है। तत्पश्चात कक्षा षष्ठी की बहनों द्वारा एक सामुहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया । फिर कक्षा दस की बहनें विद्या तथा सावित्री ने एक मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय प्रबंधन समिति के कोषाध्यक्ष श्री अश्विनी कुमार देवघरिया जी ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए। शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम  समाप्ति की घोषणा की । इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माताएं उपस्थिति रहीं। एवं विधालय प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ साथ आचार्य -आचार्या, छात्र- छात्राएं (भईया- बहनें)और शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।