राजकोट: गुजरात के जूनागढ़ जिले के विसावदर क्षेत्र के शोभावदला गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। गांव के खोडियार आश्रम में करीब 15 साल के एक किशोर ने अपने बड़े भाई और गर्भवती भाभी की बेरहमी से हत्या कर दी और बाद में उनकी लाश को घर के पीछे दफना दिया। मामला लगभग दो सप्ताह तक दबा रहा, लेकिन बिहार में रह रहे महिला के परिवार की शक और लगातार की गई पड़ताल ने इस डबल मर्डर का राज खोल दिया।
शक के बाद खुला राज
यह वारदात 16 अक्टूबर को हुई थी। दिवाली के दौरान महिला के परिजन जब उससे संपर्क नहीं कर पाए, तो उन्होंने कई बार फोन किए। पहले लड़के ने टालमटोल जवाब दिए और बाद में उसकी मां ने दावा किया कि दंपती की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। जब परिवार ने तस्वीर, वीडियो और पुलिस दस्तावेज मांगे, तो मां जवाब देने से बचती रही। शक गहराने पर परिवार गुजरात पहुंचा और पुलिस को शिकायत दी।
पुलिस ने जांच शुरू की और हिम्मतनगर क्षेत्र में ऐसी किसी दुर्घटना की पुष्टि न होने पर मामला संदेहास्पद मानकर किशोर और उसकी मां से पूछताछ की। अलग-अलग पूछताछ में आखिरकार सच्चाई सामने आ गई। लड़के ने खुद बताया कि उसने भाई को लोहे की पाइप से मारकर मौत के घाट उतारा और भाभी का भी गला घोंट दिया। भाई-भाभी के शवों को नग्न कर घर में दफना दिया था। उसने दोनों के कपड़ों में आग लगा दी और खून के धब्बे साफ कर दिए थे। उसकी मां ने बड़े बेटे और बहू का शव घर में दफनाने में उसकी मदद की थी। 31 अक्टूबर को पुलिस आश्रम गई। आश्रम के पीछे घर से पति-पत्नी और एक नवजात का शव सड़ी-गली अवस्था में बाहर निकाला। पुलिस ने शवों को घर के पीछे पांच फीट गहरे गड्ढे से बरामद किया। पुलिस ने नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
हत्या के पीछे की वजह
पुलिस के अनुसार, किशोर ने कबूल किया कि वह अपने बड़े भाई से बेहद नाराज रहता था। उसका आरोप था कि भाई अक्सर उसे पीटता था और मवेशीशाला में काम से मिलने वाली कमाई भी छीन लेता था। इसी नाराजगी ने उसे इस खौफनाक कदम तक पहुंचा दिया।
मां पर सबूत मिटाने का आरोप
कॉल रिकॉर्ड की जांच में मां का हत्याओं में सीधा शामिल होना साबित नहीं हो सका, लेकिन आरोपी के कबूलनामें से स्पष्ट हो गया कि उसने वारदात के बाद सबूत मिटाने में बेटे की मदद की। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है। मृतकों की पहचान शिवमगिरी (22 साल) और उसकी पत्नी, कंचन कुमारी (19) के रूप में की गई। शिवमगिरी इलेक्ट्रीशियन का काम करता था। आरोपी आश्रम की देखभाल और गोशाला में गायों की सेवा करता था।
गांव में दहशत, पुलिस भी सन्न
सीनियर अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान लड़का पूरी तरह शांत था और उसे अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं दिखा। उसके इस बर्ताव ने पुलिस को भी स्तब्ध कर दिया। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या किशोर खुद भी किसी मानसिक या सामाजिक आघात से गुजर रहा था।
परिवार का पृष्ठभूमि
बताया गया है कि किशोर का परिवार मूल रूप से बिहार के खगड़िया जिले का है और करीब 40 साल पहले गुजरात में आकर बस गया था। लड़के के पिता मंदिर के पुजारी थे और महामारी के दौरान उनका निधन हो गया था। दोनों बेटे यहीं पैदा और पले-बढ़े थे।
गुजरात: 15 साल के लड़के ने बड़े भाई की हत्या की, प्रेगनेंट भाभी को रेप कर मार डाला, नग्न शव घर में दफनाए














