Guru Purnima 2025: आज है गुरु पूर्णिमा, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त; दान-पुण्य और राहुकाल का समय

On: July 10, 2025 2:06 AM

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Guru Purnima 2025: सनातन संस्कृति में आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में गुरु मे गु का अर्थ अन्धकार या अज्ञान और रू का अर्थ प्रकाश । अर्थात् अज्ञान को हटा कर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को गुरु कहा जाता हैं। यह पर्व सिर्फ हिंदूओं में ही नहीं बल्कि बौद्ध धर्म और जैन धर्म के लिए भी खास माना जाता है। इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस बार गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई यानी मनाई जा रही है।
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
इस बार गुरु पूर्णिमा की तिथि 10 जुलाई यानी अर्धरात्रि में 1 बजकर 36 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 11 जुलाई यानी कल अर्धरात्रि 2 बजकर 6 मिनट पर होगा।
गुरु पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्त
ब्रह्रा पूजा मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 10 मिनट से 4 बजकर 50 मिनट तक
अभिजीत पूजा मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 7 बजकर 21 मिनट से 7 बजकर 41 मिनट तक
स्नान दान का मुहूर्त
स्नान दान का मुहूर्त आज सुबह 4 बजकर 10 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 50 मिनट तक था।
पूजन का शुभ मुहूर्त
श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
राहुकाल का समय
02:10 PM से 03:54 PM
गुरु पूर्णिमा पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करने के बाद नहा लें और फिर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा का संकल्प लें और एक साफ-सुथरी जगह पर एक सफेद वस्त्र बिछाकर व्यास पीठ का निर्माण करें। इसके बाद गुरु व्यास की प्रतिमा उस पर स्थापित करें और उन्हें रोली, चंदन, पुष्प, फल और प्रसाद अर्पित करें। गुरु व्यास के साथ-साथ शुक्रदेव और शंकराचार्य आदि गुरुओं का भी आवाहन करें और ”गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये” मंत्र का जाप करें।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
सनातन धर्म में गुरु और शिष्य की परंपरा आदिकाल से ही चली आ रही है। तभी तो संत करीबदास लिखते है कि “गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाये, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाये”। कबीरदासजी का यह दोहा गुरु के प्रति सम्मान को व्यक्त करते हुए है। ‘गुरु बिन ज्ञान न होई’ का सत्य भारतीय समाज का मूलमंत्र रहा है। माता बालक की प्रथम गुरु होती है,क्योंकि बालक उसी से सर्वप्रथम सीखता है।भगवान् दत्तात्रेय ने अपने चौबीस गुरु बनाए थे। गुरु की महत्ता बनाए रखने के लिए ही भारत में गुरु पूर्णिमा को गुरु पूजन या व्यास पूजन किया जाता है। गुरु मंत्र प्राप्त करने के लिए भी इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।आप जिसे भी अपना गुरु बनाते हैं,आज के दिन विशेषरूप से उसके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है।
गुरु पूर्णिमा उपाय
भगवान विष्णु को बनाएं अपना गुरु
ज्योतिष विद्या के अनुसार, यदि आपके कोई गुरु नहीं है तो भगवान विष्णु को गुरु मानकार आप उन्हें नमन कर सकते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन उन्हें नमन करके उनसे कृपा की प्रार्थना करें और फूल-प्रसाद चढ़ाएं।
बुद्धि के लिए करें गीता पाठ
जो छात्र अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं, उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन गीता पाठ करने के बाद कुछ देर गाय की सेवा करना चाहिए।
आर्थिक मजबूती के लिए
अगर कारोबार में हानि हो रही है और वह आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं तो आज के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को पीले अनाज, पीले वस्त्र और पिली रंग की मिठाई दान करनी चाहिए।